शैलेन्द्र अग्रवाल को जेल में ऐश करा रहे हैं सपाई: पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर आरोप मढते हुए कहा कि शैलेन्द्र अग्रवाल से पीछा छुडाते सपाई उसे जेल में ऐश करा रहे है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा शैलेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के अधिकारो का प्रयोग करते हुए पुलिस विभाग के विभागाध्यक्ष की मिलीभगत से ट्रान्सफर-प्रमोशन को कारोबार बनाया, अब उसी हनक और इकबाल के भरोसे जेल के भी आरामगाह के रूप में प्रयोग कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि किसके निर्देश पर शैलेन्द्र अग्रवाल की जांच ठण्डे बस्ते में डाली जा रही है पहले ट्रान्सफर , प्रमोशन अब जेल में बादशाहत को चलाने के पीछे वह ताकतवर चेहरा कौन है?
पार्टी मुख्यालय पर रविवार को चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि शैलेन्द्र अग्रवाल से समाजवादी पार्टी अपना रिश्ता नकार इतिश्री नहीं कर सकती। जेल मे शैलेन्द्र के ठाठ देखते ही बनते है। उसके पास टीवी है, मुलाकाती जब चाहे मिल सकते है, खाना बाहर से आ ही जा रहा है। शैलेन्द्र ने प्रमोशन ट्रान्सफर का जो खेल खेला उसे बगैर सत्ता के उच्च संरक्षण के सम्भव नहीं कराया जा सकता है जिस प्रकार के खुलासे के समाचार हैं उससे स्पष्ट है कि सपा सरकार के दो पूर्व पुलिस महानिदेशकों की इस कारोबार में सीधे संलिप्तता पाई गयी है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस पूरे मामले में अचानक जांच की रफ्तार बन्द करने की तरफ क्यों ले जाया जा रहा है। केस दर्ज कराने के बावजूद 28 लोगो के बयान क्यो नहीं दर्ज किये गये। जब प्रारम्भिक जांच में शैलेन्द्र के उच्च स्तर से तार जुड़ते पाये गये तो दोबारा उसे रिमाण्ड पर लेने की कोर्ट में अर्जी क्यों नहीं दी गयी? संदेह में जिन बडे लोगो के शुरूआती नाम प्रकाश में आये उनसे पूछताछ की पहल क्यों नहंी की गयी? इसी प्रकरण में जालसाजी के केस में अन्य नामजद आरोपियों पर कार्रवाई में क्यो शिथिलता बरती गयी?
श्री पाठक ने कहा भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे मुख्यमंत्री शैलेन्द्र अग्रवाल प्रकरण के बाद हुए खुलासों के मद्दे नजर मौन क्यों है? आखिर जिस पुलिस विभाग में प्रोन्रति और स्थान्तरण के खेल में शैलेन्द्र का हाथ होना बताया जाता है उसके मुखिया तो वही है फिर क्या बिना उनकी मर्जी के उनकी गैर जानकरी के यह सब होता रहा? यदि वगैर जानकरी के यह सब कुछ होता रहा तो फिर उनकी प्रशासनिक क्षमता पर सवाल खडे़ है कि कैसे उनकी नाक के नीचे यह सब होता रहा और उन्हें पता तक नही चला।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा केवल सम्बन्धों को नकारने से काम नहीं चलेगा। जो कुछ घटित हुआ वह वगैर उच्चस्तर के संरक्षण के सम्भव नहीं था और अब उसी उच्चस्तर के आदेशो से जांच पर ब्रेक लगाने की कार्रवाई के कारण मुख्यमंत्री की कार्यशैली और मंशा पर भी सवाल खडे हो रहे है।