यूपी की जेलें सुधार गृह हैं न कि यातना गृह: बलराम यादव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री बलराम यादव ने कहा है कि प्रदेश में कारागारों का निर्माण मानक के अनुरूप किया जाय। कारागारों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय ताकि समाज में जेलों के प्रति एक अच्छा संदेश जाय कि उत्तर प्रदेश की जेलें सुधार गृह है न कि यातना गृह। श्री यादव आज योजना भवन स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नवसृजित जिलों में जिलाधिकारियों के माध्यम से पर्याप्त भूमि अधिगृहीत की जाय तथा भविष्य में बन्दियों की क्षमता को ध्यान मंे रखते हुए कारागारों का निर्माण कराया जाय जिससें कारागारों में बन्दियों की संख्या क्षमता से अधिक नही होने पाये। जेलों में स्वच्छता व साफ सफाई की ओर ध्यान आकर्षित करते हुये श्री यादव ने कहा कि शौचालय का निर्माण पर्याप्त दूरी पर किया जाय ताकि बैरक में दुर्गन्ध का वातावरण न उत्पन्न हो तथा बीमारियों की रोकथाम हो सके।
कारागार मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अपने स्तर से चेंकिग अभियान चलायें जिससे अराजकता पर नियंत्रण किया जा सके। जेलों में मोबाइल इत्यादि अवैध सामग्री निरीक्षण के दौरान पाये जाने पर अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। दोषी पाये जाने पर अधिकारियों को बर्खाश्त भी किया जायगा।
श्री यादव ने कहा कि कैंदियों की समय से पूर्व रिहाई में अधिकारियों द्वारा सहयोगात्मक रूख अपनाया जाय ताकि बन्दियों के साथ न्याय हो सके। कारागार मंत्री ने पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से रिक्त पदों को 3 महीने के अन्दर भरने पर बल दिया।
इससे पूर्व बैठक में जेल की समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। जेल कार्य प्रणाली में कैसे सुधार लाया जाय, स्टाफ की कमी को कैसे पूरा किया जाय, जेलों को मानक के अनुरूप बनाये जाने तथा जेल मैन्युवल में संशोधन सम्बन्धी प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में कारागार राज्य मंत्री राजपाल राजंवशी सहित अनेक उच्चाधिकारी उपस्थित थे।