कपिल मिश्रा बने दिल्ली के नए क़ानून मंत्री
केजरीवाल ने तोमर का इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को भेजा
नई दिल्ली : फर्जी डिग्रियां रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के विधि मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर के अपने पद से इस्तीफे के बाद आप सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा को दिल्ली का नया कानून मंत्री नामित किया गया है। करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा काफी तेज तर्रार नेता हैं और अच्छे वक्ता भी। अपने इसी अंदाज की वजह से कपिल सुर्खियों में आए हैं और विपक्षियों पर आक्रामक तेवर के चलते अपनी पहचान बनाई है। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तोमर के इस्तीफे को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। गौर हो कि तोमर ने मंगलवार रात लॉकअप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा भेजा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
इससे पहले, फर्जी डिग्री रखने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली के विधि मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार रात लॉकअप से ही अपना इस्तीफा दे दिया। तोमर की गिरफ्तारी से शुरू हुआ नाटकीय घटनाक्रम उनके इस्तीफे के साथ समाप्त होता भले ही प्रतीत हो लेकिन यह मामला केंद्र और दिल्ली की आप सरकार के बीच गहराते गतिरोध का संकेत देता है।
त्रिनगर से विधायक और पहली बार मंत्री बने 49 वर्षीय तोमर को शहर की एक अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इससे कुछ घंटे पहले उन्हें अपने विज्ञान स्नातक, कानून की अंक तालिका एवं माइग्रेशन प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा करीब एक माह तक चली जांच में यह बात स्थापित होने के बाद कानून मंत्री की गिरफ्तारी की गई कि 2011 में बार काउंसिल आफ दिल्ली में सौंपे गये दस्तावेज फर्जी थे।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि तोमर ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है और मुख्यमंत्री ने उसे स्वीकार कर लिया। इसे बुधवार सुबह उप राज्यपाल को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार के घटनाक्रम के बाद तोमर ने खुद इस्तीफा दे दिया। यह पूछे जाने पर कि तोमर ने पहले क्यों नहीं इस्तीफा दिया, सिसोदिया ने कहा कि यह तो जितेंद्र तोमर ही बता सकते हैं। तोमर ने कहा कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं। लेकिन मैं इस मामले में लडूंगा और जीतूंगा। इसके बाद, मैं पार्टी के लिए काम करूंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार इस साजिश के पीछे है।