जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में फंसे आसाराम को आज जिला एवं सेशन न्यायालय (ग्रामीण) में पेश किया गया। पूर्व में कई बार निराश हो चुके आसाराम की जमानत याचिका इस बार भी ख़ारिज  हो गई। सुब्रमण्यम स्वामी पर दांव खेल रहे आसाराम भावुक होकर रो पड़े।

लगातार मुंह की खाने के बाद आज पेशी से बाहर आते आसाराम का सब्र का बांध टूट गया और मीडिया से मुखातिब होते हुए भावुक हो गए। जमानत याचिका और सुब्रमण्यम स्वामी के नहीं आने के सवाल पर आसाराम आक्षेप लगाने से बचते रहे। साथ ही आश्रमवासियों की मंशा के सवाल को भी झूठा बताया।

पत्रकारों के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए आसाराम ने कहा कि मेरी तबीयत खराब है। आश्रम के सभी लोग मेरा बेटा-बेटी है, भगवान सबका भला करे। कहते-कहते आसाराम भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े। जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो आसाराम ने कहा कि मैं मनुष्य हूं, मनुष्य का दिल है, भावुक हो गया हूं, यह आंसू भाव व पीड़ा के हैं।

अब मुझे जेल की रोटी भी अच्छी लगने लगी है। सुब्रमण्यम स्वामी मेरा बुरा नहीं चाहते, वह आएंगे। यह अफवाह गलत है कि आश्रम के लोग मुझे बाहर लाना नहीं चाहते। आश्रम के सारे लोग मेरे बेटा-बेटी हैं, मेरे शुभचिंतक हैं। नाबालिग पीड़िता मेरी बेटी, पोती व नाती जैसी है। उसके परिवार को कोई तकलीफ ना हो, अगर कोई तकलीफ हुई तो मैं अन्न जल त्याग दूंगा। भगवान सबका भला करे, उनका भी करे।