कल्बे जवाद को मिला इलियास आज़मी का समर्थन
बड़े इमाम बाड़े पर संगठनों का धरना चौथे दिन भी जारी
लखनऊ: अल्पसंख्यकों के अधिकारों से सरकार की अनदेखी और चुनावी वादों को पूरा न किए जाने तथा शिया वक्फ बोर्ड में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े इमाम बाड़े पर आज चौथे दिन भी ताला बंद रहा । अनजुमनें अपनी मांगों को लेकर बड़े इमाम बाड़े पर धरना दे रही हैं आज संगठन रजाए हुसैन और संगठन मेराजुल मोमेनीन के सदस्यों ने धरना दिया। कल 9 जून को अन्जुमने बरके हैदरी और अंजुमने जाफरिया पन्जेतन धरना देंगी। बड़े इमाम बाड़े की सुरक्षा और शरई कानून लागू करने की मांग के समर्थन में कई शहर की अन्जुमनें धरने में शामिल हो रही हैं । भुख हड़ताल और धरने का समर्थन लगातार जारी है।
आम आदमी पार्टी के सदस्य कार्यकारिणी इलियास आजमी ने आज मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी से मुलाकात की और आंदोलन के समर्थन की घोषणा । अनजुमनों के सदस्यों ने आज धरने पर बैठते हुए कहा कि मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी की हर मांग उचित है हमारी धार्मिक पूजा इमामबाडों में शरई कानून लागू होना चाहिए क्योंकि इमामबाडे ज़ियारत के लिए है गलत कामों और सैर सपाटे के लिए नहीं हैं ।
मौलाना कल्बे जवाद ने ए0 डी0 एम0 के पत्र का दिया जवाब
बड़े इमामबााड़े और छोटे इमाम बाड़े पर ताला बंदी के मुद्दे को लेकर ए0 डी 0एम0 हरी प्रताप शाही के पत्र का जवाब आज मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने दिया । एडीएम हरी प्रताप शाही ने पत्र लिखा था कि आप इमामे जुमा है इसलिए बड़े इमामबाड़े का ताला खुलवा दें क्योंकि इससे हुसैनाबाद ट्रस्ट का लाखों का नुकसान हो रहा है । मौलाना ने उनके पत्र का जवाब देते हुए लिखा के जिला प्रशासन उनके धार्मिक पवित्र स्थलों का उपयोग सैर व मनोरंजन के लिए कर रहा है जबकि यह इमारतें नवाबों ने धार्मिक कामों के लिए बनाई थीं । नगर निगम में छोटे इमाम बाड़े और बड़े इमामबाड़े तक जो सड़क है उसका नाम अजादारी रोड रखा गया है हालांकि यह सड़क हुसैनाबाद ट्रस्ट की है यहां धार्मिक होर्डिंग और बैनर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन दूसरे राजनीतिक संगठनों और संस्थाओं को उसकी खुली छूट है। हमारे धार्मिक पवित्र स्थानों पर जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई कानून नहीं बनाया गया है जबकि भारत में गोल्डन मंदिर जैसी धार्मिक इमारतों में प्रवेश के कानून बने हैं । ट्रस्ट की जमीनों पर मामूली राशि लेकर बड़े-बड़े शोरूम बना दिये गये है और जमीनों पर अवैध कब्जे हैं जिस पर ट्रस्ट व जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
धरने पर बैठे संगठनों ने किसी पर्यटक और अकीदत मंद को कोई धमकी नहीं दी यह आरोप है । इमामबाड़े की ज़ियारत से रोका नहीं जा रहा है । सभी से प्यार से बात की जा रही है। जिला प्रशासन जनता और सरकार के बीच एक कड़ी का काम करता है लेकिन भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं और शिया जनता की भावनाओं को सरकार तक नहीं पहुंचाया गया प्रशासन के इसी निराशाजनक दृष्टिकोण के चलते महिलाओ ने छोटे इमाम बाड़े पर ताला लगाया । महिलाओ की बिगड़ती हालत को देखते हुए संगठनों ने बाद में बड़े इमाम बाड़े पर ताला लगाया।