भूमि सीमा विवाद पर भारत-बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक समझौता
ढाका: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बांग्लादेश की पहली यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश ने एक ऐतिहासिक समझौते पर मुहर लगाई, जिससे कुछ क्षेत्रों के आदान-प्रदान के जरिए 41 साल पुराने भूमि सीमा विवाद का निपटारा हो सकेगा और द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अड़चन को दूर किया जा सकेगा।
दोनों पक्षों ने मोदी और बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में भूमि सीमा समझौते (एलबीए) से जुड़े दस्तावेजों का आदान प्रदान किया जिसे पिछले महीने भारत की संसद ने सर्वसम्मति से पारित किया था।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘भूमि सीमा समझौते को मंजूरी प्रदान करने के दस्तावेजों के आदान-प्रदान से इतिहास रचा गया।’ दोनों देशों के बीच दस्तावेजों के आदान-प्रदान से 1974 में भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौते (एलबीए) को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसके तहत दोनों देशों के बीच 161 एनक्लेवों का आदान-प्रदान किया गया है। बांग्लादेश को 111 सीमाई एनक्लेव हस्तांतरित किए गए, जबकि 51 एनक्लेव भारत का हिस्सा बनेंगे।
अपनी बांग्लादेश यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि यह समझौता भारत और बांग्लादेश के संबंधों के लिए एक ‘ऐतिहासिक घटना’ बनेगा। इस समझौते के तहत भारत को 500 एकड़ भूमि प्राप्त होगी जबकि बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ जमीन मिलेगी। इस समझौते से 50 हजार लोगों की नागरिकता का सवाल भी सुलझ जाएगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है और यह मुद्दा दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ा अड़चन बना हुआ था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिन के बांग्लादेश के अपने पहले दौरे पर ढाका पहुंचे। एयरपोर्ट पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत कई बांग्लादेशी नेताओं और अधिकारियों ने पीएम मोदी का स्वागत किया। बाद में उन्हें गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया।
पीएम मोदी ने बांग्लादेश दौरे पर रवाना होने से पहले ट्वीट किया, यह दौरा दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाएगा। पीएम के दौरे के दौरान 41 साल से अटके पड़े ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर होगा। ठीक एक महीने पहले संसद ने आम राय से इस बिल को मंज़ूरी दी थी।
दोनों देशों को इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के नई ऊंचाइयों तक पहुंचने तथा आर्थिक एवं व्यापार के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलने की उम्मीद है।
ढाका में सड़कों पर पीएम मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के विशाल कटआउट्स लगे हैं। दोनों देशों के पुराने संबंध और 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को रेखांकित करने वाले बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्र रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विशाल कटआउट्स भी सड़कों पर लगे हैं।
ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो-दिवसीय यात्रा से एक दिन पहले शुक्रवार को ढाका पहुंचीं। बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने हजरत शाहजालाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ममता की अगवानी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा को लेकर बांग्लादेश के राजनीतिक दलों में अद्भुत सर्वसम्मति देखने को मिली, जहां सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी एक स्वर में भारत के साथ बेहतर संबंधों की पैरवी कर रही हैं। बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा, यह हमारी नेता और प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व के कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर राजनीतिक दलों के बीच इतनी अधिक एक राय है।