सैप के इस्तीफे से रूस और क़तर के मेज़बानी खतरे में!
ज्यूरिख। 17 साल से दुनिया की सबसे अमीर खेल संस्था फीफा पर एकछत्र राज करने वाले इसके अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। फीफा के ज्यूरिख स्थित मुख्यालय में आनन-फानन में बुलाई गई एक प्रेसवार्ता में ब्लैटर ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। फीफा अध्यक्ष पद पर पांचवीं बार ताजपोशी के महज तीन दिन बाद ही ब्लैटर का इस तरह पद छोड़ने का ऐलान करना पूरे दुनिया को हैरान कर गया है।
माना जा रहा है कि 27 मई को 14 फीफा अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद ब्लैटर पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था। गौरतलब है कि एफबीआई के लिए स्विस पुलिस द्वारा की गई इन गिरफ्तारियों में फीफा के दो वर्तमान उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। इन अधिकारियों पर पिछले 24 साल में 150 मिलियन डॉलर की हेराफेरी का आरोप है जिसे खेल की दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है।
वहीं, ब्लैटर के इस्तीफे के बाद 2018 और 2022 फीफा विश्व कप की रूस और कतर को मिली मेजबानी पर भी तलवार लटक गई है क्योंकि स्विस अधिकारियों ने 2010 में हुई सीक्रेट वोटिंग की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि 2010 में ही रूस और कतर को 2018 और 2022 फीफा विश्व कप की मेजबानी मिलने पर बेहद विवाद हुआ था क्योंकि बेहद छोटे देश कतर की फुटबॉल लीग दोयम दर्जे की है और विश्व कप के दौरान यानि जून-जुलाई के समय यहां बेहद गर्मी भी पड़ती है। इसके अलावा स्टेडियम निर्माण के लिए आए प्रवासी लोगों की दशा पर भी कतर को आलोचना झेलनी पड़ रही है।
हालांकि स्विस अधिकारियों की इस जांच को कतर के नेताओं ने गलत करार दिया और पश्चिमों देशों पर जातिवादी होने का आरोप लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री शेख अल थानी के मुताबिक कतर ने विश्व कप की मेजबानी पूरी ईमानदारी से जीती है। उनके आरोप साबित करते हैं कि वो अपनी हार पचा नहीं पा रहे हैं। कतर इस विश्व कप के लिए 200 अरब डॉलर की भारी भरकम राशि लगाने जा रहा है।
वहीं रूस ने भी अपना बचाव करते हुए कहा कि उसने विश्व कप आयोजन की तैयारी पूरी कर ली है और अब उनसे आयोजन छीनना बेतुका होगा। माना जा रहा है कि अगर फीफा, विश्व कप कहीं और स्थानांतरित करता है तो उसकी पहली पसंद इंग्लैंड होगी क्योंकि इंग्लैंड इतने कम समय में इतने बड़े टूर्नामेंट की तैयारी करने में सक्षम है।