जनता के लिए अभिशाप बना मोदी को मिला जनादेश: कांग्रेस
लखनऊ: जब से देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बहुमत प्राप्त कर चुनी हुई सरकार आई- जनता की आशाओं एवं उम्मीदों के खिलाफ काम करती चली आ रही है। इस सरकार के बनते ही रेलवे के यात्री एवं माल भाड़े में अप्रत्याशित इजाफा किया, आज मंहगाई की मार झेल रही जनता को दलहन, तिलहन सहित तमाम उपभोक्ता वस्तुएं ऊँचे दाम पर मिल रही हैं। देश की जनता मोदी के लुभावने नारों के बीच में फँसकर एक स्पष्ट जनादेश दे दिया, आज वह जनादेश उसके लिए अभिशाप बन गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी अपने एक बयान में कहा कि आज 01 जून से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सर्विस टैक्स बढ़ा करके जनता की कमर तोड़ दी है। आज के ही दिन से उपभोक्ताओं की समस्त वस्तुएं, रेलवे के ए0सी0 किराये, हवाई जहाज, रेस्तरां सहित खाने-पीने की सभी वस्तुओं और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर मंहगाई की जबर्दस्त मार पड़ी है। दालों के दाम आसमान छू रहे हैं, यह सरकार थोक एवं खुदरा मूल्यों में मुद्रा स्फीति की दर गिरने की बात कह रही है, लेकिन इस सरकार को अब तक यह नहीं मालूम की अरहर की दाल बाजार में 126 रूपये प्रति किलो तक पहुॅंच गये हैं, उन्होंने कहा कि यह सरकार पूँजीपतियों की सरकार है, इसका गरीबों से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि 01 जून का ‘काला दिन’ बुरे दिन के रूप में जनता को सौगात में मिला। केन्द्र की सरकार ने चुनावी वादों के विपरीत प्रत्येक खाते में 15 लाख रुपये देने को चुनावी जुमला बताया और नरेन्द्र मोदी ने अच्छे दिन आने के वादों को चुनावी नारा करार दिया। अब भूतपूर्व सैनिकों को वन रैंक- वन पेंषन को भी चुनावी वादों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया- सरकार के इस कदम से सैनिक बदहाल एवं बदहवास हैं।
उन्होंने कहा कि यह सरकार मंहगाई के मुद्दे पर ही नहीं, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भी पूरी तरह विफल रही। छप्पन इंच सीने का ढिंढोरा पीटने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आये दिन पाकिस्तान सीज़फायर का उल्लंघन कर खुलेआम चुनौती दे रहा है, यहीं तक नहीं जम्मू कष्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहराये जा रहे हैं एवं पाकिस्तान के नारों से पृथकतावादी षक्तियां मोदी सरकार के लिए खुली चुनौती बनी हुई हैं। यह सरकार अपनी विफलता जनता का ध्यान हटाने के लिए किसानों-गरीबों के खिलाफ भूमि अधिग्रहण अध्यादेष को तीसरी बार लाकर किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है।