बोफोर्स स्कैंडल सिर्फ मीडिया ट्रायल था
किसी भारतीय अदालत ने इसे घोटाला नहीं कहा: प्रणब मुखर्जी
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बोफोर्स कांड को ‘मीडिया ट्रायल’ बताकर संभवत: एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। बोफोर्स मामले में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कहना है कि यह स्कैंडल मीडिया ट्रायल था।
अपने स्वीडन दौरे से पहले मुखर्जी ने एक स्वीडिश अखबार को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि, सबसे बड़ी बात इस मामले में अब भी यह तय होना है कि यह घोटाला था। किसी भी भारतीय कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा।
मुखर्जी ने कहा कि बोफोर्स मामले के बाद में रक्षा मंत्री बना था और सभी जनरल ने कहा था कि भारतीय सेना के पास मौजूद यह सबसे बढिया तोप है। आज भी सेना इसी तोप का इस्तेमाल करती है। जिस तथाकथित घोटाले की आप बात कर रहे हैं, वह मीडिया में था। इसमें मीडिया ट्रायल हुआ। मैं कह रहा हूं कि मीडिया में इसका प्रचार हुआ। लेकिन अभी तक किसी भारतीय अदालत ने इस कथित स्कैंडल पर निर्णायक फैसला नहीं दिया है।
मालूम हो कि वर्ष 1986 में भारत और स्वीडिश हथियार कंपनी बोफोर्स के बीच 285 मिलियन डॉलर का 155 मिमी हॉवित्जर तोप का सौदा हुआ था। स्वीडिश रेडियो ने आरोप लगाया था कि बोफोर्स ने भारत के आला नेताओं और रक्षा अधिकारियों को सौदे के लिए रिश्वत दी थी। इस सौदे के दौरान देश में राजीव गांधी की सरकार थी और उसे तीन साल बाद आम चुनावों में भारी हार झेलनी पड़ी थी।