केजरी कटाक्ष: जंग वायसराय, पीएमओ इंग्लैंड की महारानी
नई दिल्ली: मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस पर ‘भ्रष्ट को संरक्षण देने’ के लिए ‘पिछले दरवाजे’ से दिल्ली को चलाने का आरोप लगाया और कहा कि इसने उप राज्यपाल का पक्ष लेते हुए अधिसूचना जारी कर शहर की जनता की पीठ में छुरा घोंपा है।
दिल्ली के उप राज्यपाल की भूमिका और शक्तियों को स्पष्ट करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के कुछ ही घंटे के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यह उनकी सरकार के भ्रष्टाचार रोधी प्रयासों को लेकर भाजपा और केन्द्र सरकार की घबराहट को जाहिर करता है।
अधिसूचना में कहा गया है कि नौकरशाहों की नियुक्ति जैसे मुद्दों पर उप राज्यपाल के लिए मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करना अनिवार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जंग तो महज एक चेहरा हैं और उन्हें आदेश पीएमओ से मिल रहे हैं। ‘आजादी के पहले इंग्लैंड की महारानी यहां वायसराय को अधिसूचना भेजा करती थीं। अब जंग साहब वायसराय हैं और पीएमओ लंदन है।’ उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अधिसूचना पर संविधान विशेषज्ञों से राय ले रही है और उसी के अनुरूप निर्णय लिया जायेगा।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम जाहिर करता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भ्रष्टाचार और फलते फूलते ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग के समक्ष ‘घुटना टेक रहे’ हैं, जिसे आप सरकार ने पिछले तीन महीने में बंद कर दिया था।
सिसोदिया ने कहा, पहले तबादलों के लिए भारी लेनदेन होती थी लेकिन अब आप सरकार के तीन महीने के कार्यकाल में यह समाप्त हो गया है। जब हमने यह कर दिया तो कांग्रेस और भाजपा के लोग दिल्ली में ठेका पाने में विफल हो गये। तब वे पीएमओ गये।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘अब वे यह अधिसूचना लाये हैं, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दिल्ली में अपने अधिकारियों को चाहती हैं और अपने लोगों के लिए सरकारी ठेके चाहती है और यही कारण है कि वह उपराज्यपाल के जरिये तबादला-पोस्टिंग उद्योग पर नियंत्रण चाहती है। यह अधिसूचना लाकर केन्द्र ने दिल्ली की जनता के पीठ में छुरा भोंका है।
शुक्रवार को जारी गजट अधिसूचना में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उप राज्यपाल के पास सेवा, लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से जुड़ा अधिकार क्षेत्र होगा और जब उन्हें जरूरी लगेगा तो वह अपने ‘विवेकानुसार’ सेवा से जुड़े मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मशविरा कर सकते हैं।
केजरीवाल ने इस बात का भी उल्लेख किया कि इस अधिसूचना के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा पुलिस स्टेशन अधिकारियों, कर्मचारियों और केन्द्र सरकार सेवाओं के पदाधिकारियों के खिलाफ अपराध का संज्ञान नहीं लेगी। उन्होंने हैरानी जताई कि वे कौन लोग हैं जिन्हें मोदी सरकार बचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है। केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार दिल्ली के इतिहास की सबसे ईमानदार सरकार है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने कभी भी दिल्ली की जनता के लिए बिजली पानी की आपूर्ति के बारे में नहीं पूछा। उनकी सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग में रुचि है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मोदी सरकार तीन बीजेपी विधायकों के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली को चलाने का प्रयास कर रही है।’ केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि अधिसूचना का मूल बिन्दू इसके सबसे अंतिम पैराग्राफ में निहित है, जो कहता है कि दिल्ली सरकार की अपराध निरोधक शाखा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने पिछले तीन महीने में भ्रष्टाचार को कम किया है। 36 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है और 52 अधिकरियों को निलंबित किया गया है। भ्रष्ट अधिकारियों के बीच आतंक है और हमारी सरकार दिल्ली के इतिहास में सबसे ईमानदार सरकार है।’
उन्होंने कहा, ‘अब, केन्द्र सरकार चाहती है कि अगर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) केन्द्र सरकार के कर्मचारियों में किसी तरह का भ्रष्टाचार देखती है तो इसे नजरअंदाज कर देना चाहिए।’ इससे पहले केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी पहले दिल्ली चुनाव हार गई। आज की अधिसूचना हमारे भ्रष्टाचार रोधी प्रयासों के बारे में बीजेपी की घबराहट को दिखाती है। बीजेपी आज फिर हार गई।’