महिलाओं के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती: डिम्पल यादव
किसी भी राष्ट्र की तरक्की के लिए महिलाओं का सशक्त और खुशहाल होना जरूरी
कन्नौज की सांसद ने राॅटर्डम, नीदरलैण्ड में प्रोग्रेसिव अलाएन्स द्वारा आयोजित सम्मेलन में शिरकत की
राॅटर्डम: कन्नौज की सांसद डिम्पल यादव ने कहा है कि संसार की आधी आबादी महिलाओं की है, जिनके हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती। किसी भी समाज व राष्ट्र की तरक्की के लिए महिलाओं का सशक्त और खुशहाल होना जरूरी है। इसे ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार महिलाओं के उत्थान एवं कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।
श्रीमती डिम्पल यादव ने ये विचार आज राॅटर्डम, नीदरलैण्ड में प्रोग्रेसिव अलाएन्स द्वारा आयोजित सम्मेलन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तमाम क्षेत्रों में शानदान प्रदर्शन कर महिलाओं ने सिद्ध कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। जरूरत इस बात की है कि उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए समुचित अवसर एवं प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि आज भारत में भी महिलाएं जागरुक हो रही हैं। नारी के संदर्भ में समाज में दोहरे मापदण्ड हैं, जिन्हें खत्म करना होगा।
श्रीमती यादव ने कहा कि महिला एवं बालिकाआंे के प्रति उत्पीड़न व हिंसात्मक घटनाओं की रोकथाम तथा उनका सर्वांगीण विकास तभी सुनिश्चित किया जा सकता है, जब समाज में व्यापक जागरुकता हो। खास तौर से स्त्री समाज में। महिलाओं को इन घटनाओं की रोक-थाम और अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा। उन्हें शिक्षा से लैस करना होगा। महिला सशक्तीकरण के लिए उनकी हिस्सेदारी हर स्तर पर सुनिश्चित करनी होगी।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार द्वारा महिलाओं के आत्म सम्मान, सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सांसद ने कहा कि विमेन पावर लाइन ‘1090’ महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। निःशुल्क लैपटाॅप योजना ने भी युवतियों को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने में अहम भूमिका अदा की है। राज्य सरकार अपने संसाधनों से देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा स्कीम-समाजवादी पेंशन योजना संचालित कर रही है। इस योजना का लाभ परिवार की महिला मुखिया को देने की व्यवस्था की गयी है, जिससे उनका आर्थिक सशक्तीकरण हो रहा है।
श्रीमती यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार महिलाओं का जीवन स्तर ऊपर उठाने और उनकी हर कठिनाई व समस्या का निराकरण करने के लिए कटिबद्ध है, ताकि महिलाएं पुरुष के समान कदम से कदम मिलाकर चल सकें। प्रशासन, शिक्षा, राजनीति, व्यापार और उद्योग सहित तमाम क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज करायी है। लेकिन इसका विस्तार किया जाना जरूरी है। उन्होंने लिंग आधारित भेद-भाव को दूर किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि महिलाओं को जुल्म-ज्यादती के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करनी चाहिए।