उद्योगपतियों को फायदा पहंुचाने में लगी है सपा सरकार: बीजेपी
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवाद व किसानों के हितैषी होने का दम भरने वाली सपा सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया है। भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि उ0प्र0 सरकार गरीबों व किसानो को नहीं उद्योगपतियों को फायदा पहंुचाने में लगी है। चाहे चीनी मिल मालिक हो या फिर बिजली परियोजना लगाने वाले उद्योगपति। जिस तरह से सरकार ने बजाज एनर्जीग्रुप ललितपुर पर सरकार की दरियादिली पर सवालियां निशान लगाया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने बजाज एनर्जी गु्रप द्वारा ललितपुर में बनाएं जा रहे तापीय परियोजना पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 सरकार की पारदर्शिता सवाल के घेरे में है। तापीय परियोजना की निर्माण लागत का मानक अधिकतम 6 करोड़ प्रति मेगावाट है जबकि बजाज एनर्जीग्रुप ललितपुर को 8 करोड़ 8 लाख प्रति मेगावाट लागत के आधार पर सरकार द्वारा अनुबंध किया गया जो जिसके कारण 4 हजार करोड़ के लगभग कैपिटल कास्ट बढ़ने का खमियाजा मंहगी बिजली के रूप में प्रदेश की गरीब जनता को ही भुगतना पड़ेगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिजली आपूर्ति और अधिक बिजली दरों तथा अधिक बिजली बिलो की वसूली से जनता पहले से हलाकान है और गरीब जनता पसीना-पसीना है।
सरकार द्वारा पी.पी.ए. आधारित बिजली परियोजना से खरीदी जा रही बिजली जो बहुत मंहगी होती है जिसका उदाहरणार्थ रिलायंस रोजा तथा बजाज के पुराने बिजली घर है जहां से क्रमशः 6 तथा 7 रूपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी जा रही है। सी.ए.जी ने इसमें हजारों करोड़ की गड़बडि़यों का उल्लेख किया है सरकार ने तीन और कम्पनियों से पी.पी.ए. बढ़़ाने का आदेश किया है। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगतेगी तथा मंहगे दर पर बिजली खरीदेगी।
भाजपा प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकारी की नीति में पारदर्शिता का पूर्णतया अभाव है जिसके के कारण जन धन में व्यापक लूट है जनता परेशान है और विकास ठप है। भाजपा प्रवक्ता ने सरकार से मांग की कि वह उ0प्र0 की जनता को बताएं कि मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एनर्जी टास्क र्फोस ने पावर प्रोजेक्ट की लागत 5 करोड़ प्रति मेगावाट मानी थी जिसके अनुसार इसकी लागत 11880 करोड़ बनती है तो किन परिस्थितियों में बजाज एनर्जीग्रुप ललितपुर की इस परियोजना की कैपिटल कास्ट 16006 करोड़ स्वीकृति की गई ?