त्यागार्चना के बिना देश-दुनिया में शान्ति असंभव: स्वामी सच्चिदानंद
लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 65 किलोमीटर दूर जैतनपुर कमलापुर सीतापुर में प्रदेश के प्रथम ‘धर्म भारती राष्ट्रीय शान्ति (मूल्य शिक्षण संस्थान) विद्या पीठ लखनऊ की स्थापना हुई जिसका केन्द्रीय कार्यालय गोमतीनगर लखनऊ में स्थापित किया गया है। यह घोषणा आज यहाँ गोमतीनगर लखनऊ में डी0बी0एन0आई0 द्वारा आयोजित ‘‘शान्ति एवं मूल्य परक शिक्षा के माध्यम से नये भारत का निर्माण’’ विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए संस्थान के संस्थापक स्वामी सच्चिदानंद भारती एवं डी0बी0एन0आई0 के राष्ट्रीय निदेशक, डा0 एस0के0 सिंह ने संयुक्त रूप से किया ।
स्वामी जी ने बताया कि डी0बी0एन0आई0 ‘नवसृष्टि इन्टरनेशनल ट्रस्ट,’ का एक अनुषांगिक संस्थान है जिसका भारत में शांति एवं मूल्यों की संस्कृति को प्रोत्सहित करना तथा सभी धर्मो के सर्वमान्य नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना करना है। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों, माता-पिता, नेताओं, प्रबन्धकों, किसानों, युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विद्या-पीठ द्वारा विकसित प्रषिक्षण कार्यक्रम एवं सत्संग आयोजित किए जायगें, जिससे सभी भारतीयों में न्याय, समानता, स्वतंन्त्रता एवं भाईचारा की भावना विकसित हो सकें।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि स्वामी सच्चिदानंद भारती ने क्षमा याचना, क्षमादान, एवं मेल-मिलाप तथा त्यागार्चना पर जोर देते हुए कहा कि बिना इसके देश और दुनिया में सम्पूर्ण विकास एवं सद्भाव तथा शान्ति असंभव है। स्वामी सच्चिदानंद भारती द्वारा लिखित पुस्तक INTEGRAL REVOLUTION का विमोचन पूर्व राजदूत एवं राष्ट्रीय संाप्रदायिक सद्भावना न्यास गृहमंत्रालय भारत सरकार के सचिव अशोक सज्जनहार द्वारा किया गया। इस अवसर पर शिक्षा एवं विद्या में अन्तर को अपने जीवन से स्पष्ट करने वाले पदम्श्री कलीमुल्लाखाँ को उनकी आम में नायाब उपलब्धियों के लिए ‘धर्म भारती सम्मान 2015’से विभूषित किया गया।
‘त्यागार्चना शांति मिशन’ के अन्तर्गत शांति एवं साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए‘‘लखनऊ पाइलट प्रोजेक्ट’’का शुभारम्भ अशोक सज्जनहार द्वारा किया गया। डी0बी0एन0आई0 के महानिदेशक एवं पूर्व कुलपति प्रो0 हरिभाऊ केदार ने शान्ति विद्या संस्थान की भूमिका एवं उपलब्धियों तथा कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देतु हुए इसके सफलता की कामना की।