एक और विश्व धरोहर को मिटाने जा रहा है ISIS
नई दिल्ली। दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट एक बार फिर दो हजार साल पुराने एक शहर को तबाह करने के लिए आगे बढ़ रहा है। आईएसआईएस के आतंकियों की फौज और उस शहर के बीच सिर्फ दो किलोमीटर का फासला रह गया है। उन्हें रोकने की कोशिश जारी है। आशंका है जैसे ही दो किलोमीटर का ये मामूली फासला खत्म होगा दुनिया के नक्शे से एक ऐतिहासिक पलमीरा शहर गायब हो जाएगा।
पलमीरा, यानी रेगिस्तान का वेनिस। रेगिस्तान के बीचो-बीच बसे पलमीरा शहर की खूबसूरती देखकर इसे रेगिस्तान का वेनिस कहा गया। यानी जैसे पानी के बीचोबीच बसे वेनिस की खूबसूरती की कोई मिसाल नहीं उसी तरह सीरिया के पलमीरा शहर जैसा भी धरती पर कोई दूसरा शहर नहीं। सीरिया का पलमीरा शहर आज से करीब दो हजार साल पहले बसाया गया था। दो हजार साल पहले पलमीरा शहर की खूबसूरती को जिस तरह से निखारा गया वो अपने आप में हैरान कर देने वाली बात है। ये वो शहर है जिसकी इमारतों पर ग्रीक, रोमन और पर्शियन सभ्यता का असर साफ दिखता है। तभी तो यूनेस्को ने पलमीरा को विश्व धरोहर का दर्जा दे रखा है।
ये शहर कभी रोमन साम्राज्य जितना ताकतवर था, जहां संस्कृति और कारोबार का अनोखा संगम होता था। दुनिया भर के व्यापारी अपना सामान लेकर पलमीरा पहुंचते थे। यानी जिस वक्त दुनिया की कई सारी सभ्यताएं अभी विकसित भी नहीं हो पाई थीं, उस वक्त पलमीरा के जरिए सीरिया के व्यापारी पूरी दुनिया में अपना कारोबार फैला चुके थे।
हजारों साल पहले यहां बनाया गया ये ओपन थिएटर और स्टेडियम इस बात की तस्दीक करते हैं कि इतिहास में पलमीरा शहर का मुकाबला करने वाला कोई दूसरा शहर नहीं है। लेकिन गौरवशाली इतिहास की कहानी सुना रहा ये शहर अब खतरे में है। दुनिया के सबसे खूंखार दरिंदे इस शहर को तबाह करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
पलमीरा शहर से कुछ किलोमीटर दूर सीरिया के सैनिक और आईएस के आतंकियों के बीच जबरदस्त जंग चल रही है। इस्लामिक स्टेट इस शहर पर कब्जा जमाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है और इसमें किसी को शक नहीं कि अगर एक बार आईएस के आतंकी पलमीरा में पहुंच गए तो फिर इसका अंजाम भी वही होगा जो निमरूद और हतरा का हुआ था।
आपको बता दें कि इसी साल मार्च में आईएसआईएस के आतंकियों ने इराक के मोसुल में तीन हजार साल पुराने ऐतिहासिक शहर निमरुद को तबाह कर दिया था। तीन हजार साल से भी पुराना निमरुद शहर मेसोपोटामिया सभ्यता की जीती जागती मिसाल था। इंसानों पर बर्बरता के कुख्यात आईएसआईएस के आतंकी निमरुद की प्राचीन मूर्तियों और धरोहरों के साथ भी उसी बर्बरता के साथ पेश आए। सूत्रों के मुताबिक निमरुद में तोड़फोड़ से पहले आईएसआईएस के आतंकियों ने यहां जमकर लूटपाट भी की और बड़ी तादाद में ऐतिहासिक धरोहरों को चुराकर ले गए। आईएसआईएस के आतंकी इन धरोहरों को सीरिया और तुर्की के रास्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर मोटी रकम कमाते हैं।