सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सिर्फ पंजीकृत सांस्कृतिक दाल ही करेंगे: सूचना निदेशक
लखनऊ:सूचना विभाग में सांस्कृतिक दलों के चयन हेतु सम्पन्न आडीशन 2015 में 119 नये सांस्कृतिक दलों का पंजीकरण किया गया है। इसमें ए श्रेणी में 5, बी श्रेणी में 36 तथा सी श्रेणी में 78 सांस्कृतिक दल चयनित किये गये हैं। इन सांस्कृतिक दलों का पंजीयन अप्रैल के तीसरे हफ्ते में आयोजित साक्षात्कार के आधार पर किया गया है। अब सूचना विभाग में पंजीकृत सांस्कृतिक दलों की संख्या-440 हो गयी है।
सूचना विभाग सांस्कृतिक दलों के पंजीयन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल एजेन्सी है। प्रदेश के सभी विभाग इन्हीं पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के कलाकारों केे माध्यम से ही अपने-अपने विभाग की जन कल्याणकारी योजनाओं- कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार का कार्य प्रदेश केे दूर-दराज के ग्रामों में करायेंगे। इस आशय का शासनादेश प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर से समस्त विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव/विभागाध्यक्षों/कार्यालयाध्यक्षों/मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों को भेजा जा चुका है। जन सामान्य की आम बोल-चाल की क्षेत्रीय भाषा में, गीत, नृत्य, लघु नाटिका एवं नुक्कड़ नाटकों से सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का यह एक सशक्त एवं प्रभावी माध्यम है।
यह जानकारी सूचना निदेशक आशुतोष निरंजन ने दी। उन्होंने बताया कि पूरे वर्ष प्रत्येक दिन किसी न किसी जनपद में प्रचार-प्रसार होता रहे इसके लिए आवश्यक कार्यक्रम बनाया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में दलों पंजीयन के लिए आडीशन आयोजित किया जायेगा। चयनित दल तीन वर्ष की अवधि तक प्रचार-प्रसार के लिए वैध होगा। प्रचार अभियान में एक दिन एक दल पूर्वान्ह, अपरान्ह तथा सायंकाल तीन कार्यक्रम कर सकेगा, पंजीकृत दल के प्रति कार्यक्रम की दरें भारत सरकार के गीत नाट्य प्रभाग के बराबर कर दी गयी है।
श्री निरंजन ने बताया कि शासकीय विभाग अपने स्तर से सांस्कृतिक दलों का पंजीयन नहीं कर सकेंगे और न ही गैर पंजीकृत दलों से प्रचार प्रसार कार्य करायेंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव के स्तर शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। सूचना विभाग प्रचार-प्रसार अभियान के लिए संबंधित विभाग की कार्यशाला आयेाजित करायेगा तथा पंजीकृत दलों को प्रचार-प्रसार हेतु कार्यक्रमों का आवंटन करेगा। कार्यशाला का व्यय तथा प्रचार अभियान के व्यय का भुगतान संबंधित विभाग करेगा।
उन्होंने बताया कि कई विभागों द्वारा अपने स्तर से जो प्रचार-प्रसार संविदा के आधार एन0जी0ओ0 से कराया जा रहा है वह अनियमित तथा अवैध है। जो विभाग या जिला स्तरीय कार्यालय सांस्कृतिक दलों के पंजीयन तथा संचालन नियमावली 2001 के विपरीत ढंग से प्रचार प्रसार कार्य करेगा शासन इसकांे गम्भीरता से संज्ञान लेगा और इनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी।