सिर्फ एक फिल्म करने आयी थीं विद्या बालन
पणजी: बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा कि सिने जगत में उन्हें अपशकुनी माना जाता था क्योंकि उनकी फिल्में ठंडे बस्ते में जा रही थीं।
‘वूमन इकोनॉमिक फोरम’ के दौरान विद्या ने कहा ‘मेरे परिवार का मानना था कि सिनेमा की दुनिया बहुत खराब है। मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं सिर्फ एक फिल्म करूंगी और फिर छोड़ दूंगी। मुझे मलयालम फिल्म के लिए साइन किया गया और वह ठंडे बस्ते में चली गयी।’ उन्होंने कहा, ‘बाद में मेरे पास और तीन फिल्में आयीं, लेकिन वे भी ठंडे बस्ते में गयीं। मुझे अपशकुनी कहा गया। मुझे इस कारण फिल्मों से निकाला गया।’ 37 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है कि शुरूआत के संघर्ष के दिनों में उनके माता-पिता ने खूब साथ दिया। जो पहले उन्हें फिल्मों में नहीं आने देना चाहते थे, अब उनकी इच्छा थी कि एक फिल्म तो पूरी हो।
उन्होंने बताया कि मैं यूफोरिया (बैंड) के लिए शूटिंग कर रही थी उसी दौरान प्रदीप सरकार (परिणीता के निर्देशक) से मिली। उन्होंने कहा मैं तुम्हें लेकर फिल्म बनाउंगा। विद्या ने कहा, ‘मैं यूफोरिया की शूटिंग के दौरान प्रदीप सरकार से मिली। उन्होंने कहा मैं तुम्हारे साथ फिल्म करूंगा.. मैंने कहा कितने आए और कितने गए। मुझे उन पर यकीन नहीं था, लेकिन बाद में मैंने उनके साथ परिणीता की।’