नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री समाज के लिए खतरा: डीजीपी
अधिकारियों को अभियान चलाकर करवाई के दिए निर्देश
लखनऊ: प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार जैन ने सभी पुलिस अधिकारियों को भेजे गये परिपत्र में कहा गया है कि जनपदों में बड़े-बड़े नगरों, मोहल्लों यहां तक कि देहातों में भी बड़े संगठित तरीके से नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है एवं कई शहरों में हुक्का पार्लर व अन्य प्रकार के अड्डे चलने की जानकारी मिली है । जो समाज के लिये खतरा हैं ।
पुलिस महानिदेशक ने निर्देशित किया है कि पूरे प्रदेश में 15 मई से अभियान चलाकर कार्यवाही करायी जाये । जिन जनपदों में कार्यवाही नहीं होगी या मिलीभगत की शिकायत प्राप्त होने पर वहां पर दूसरे जनपदों से टीमों को भिजवाकर यह पकड़-धकड़ करायी जाये । पकड़े जाने पर उस बीट के, उस थाने/चैकी के तथा यहां तक कि पर्यवेक्षण करने वाले क्षेत्राधिकारी के विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही की जाये । अभियान की निरन्तर समीक्षा की जायेगी ।
पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि लखनऊ में एस0टी0एफ0 व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा गोमती नगर विस्तार के शारदा अपार्टमेंट में बिहार के 9 कुख्यात अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया जिसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक प्रश्न-चिन्ह यह भी लगा कि यह अपराधी बिना किसी सत्यापन के रह रहे थे । मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा भी कड़े आदेश दिये गये हैं कि ऐसे प्रत्येक फ्लैट का सत्यापन कराया जाये । मकान मालिक से किरायेदार के संबंध में समस्त सूचनायें एकत्र करायी जायें । यदि यह अभियान सख्ती से चलाया जाये तो अच्छे गैंग पकड़े जा सकते हैं । इसके लिये अधिकारी स्वयं भी पहल करें और पुलिस अधीक्षक नगर/देहात, क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष कार्यवाही करें ।
हाल ही में पकड़े गये अपहरणकर्ताओं के गैंग के पास से जो आॅडी कार, फाच्र्यूनर, इनोवा बरामद हुयी उनमें फर्जी नम्बर प्लेट, लाल-नीली बत्तियां, अशोक की लाट लगी नम्बर प्लेटें, हाईकोर्ट जज लिखी नम्बर प्लेटें, शीशों पर काली फिल्म, हूटर लगे पाये गये । पुलिस महानिदेशक ने वाहनों की व्यापक चेकिंग विनम्रता, परन्तु दृढ़ता के साथ पूरे प्रदेश में किये जाने के निर्देश दिये हैं । चेकिंग के समय काली फिल्म सख्ती से उतरवायी जाये । कैमरे या मोबाइल से फोटो भी खींचा जाये ।
पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आदेशों को गम्भीरता से लेते हुए जोनल पुलिस महानिरीक्षक सड़कों पर निकल कर पहल करें । बहुत से लोग अभियान के दौरान पुलिस के कर्मचारियों को अर्दब मंे लेने की कोशिश करते हैं, पुलिस कतई उनके दबाव में न आये। अभियान का वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो द्वारा निकटता से पर्यवेक्षण किया जायें।