पुलिस कॉन्स्टेबल पाटिल की गवाही ने दिलाई सलमान को सजा
हिट एंड रन मामले में सलमान पर फैसले की कॉपी सामने आई
मुंबई। सलमान खान पर 2002 हिट एंड रन केस पर फैसला सुनाने वाले सेशन कोर्ट जज डी डब्लू देशपांडे ने अभिनेता के बचाव पर 240 पन्नों के फैसले पर इस बात से असहमति जताई है कि, घटना के वक्त सलमान गाड़ी नहीं चला रहे थे। जज ने कहा, “आरोपी के मुताबिक जब उन्होंने एक्सीडेंट किया ही नहीं, तो उन्होंने लोगों को समझाना चाहिए था कि ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सलमान खान ने मौके पर पुलिस के आने का इंतजार नहीं किया और वे सीधा अपने घर चले गए और सुबह 10.30 बजे तक छिपे रहे।”
अभिनेता के व्यवहार का जिक्र करते हुए फैसले में कहा गया है, “अगर वाकई में आरोपी सलमान खान ने कुछ गलत नहीं किया था, तो उन्हें फौरन ही पुलिस के पास जाना चाहिए था और मामले के बारे में शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी। ये एक ध्यान देने वाली बात है कि आरोपी ने अस्पताल जाकर घायलों की हालत का जायजा लेने, उन्हें दवाईयां मुहैया कराने और फिर पुलिस के साथ वापस घटनास्थल पर आने जैसे कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए।”
सलमान खान के हिट एंड रन केस के फैसले की कॉपी सामने आने का सभी को बेसब्री से इंतजार था। कोर्ट ने सलमान के बचाव में दी गई दलीलों को स्वीकार नहीं किया, जिसमें कहा गया था कि एक्सीडेंट से पहले गाड़ी का टायर फट गया था। कोर्ट ने कहा कि, अगर टायर फट गया था तो बेकरी की तीसरी-चौथी सीढ़ी तक नहीं पहुंच सकता था। कोर्ट ने एक्सपर्ट के बयान का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि कार के बाएं टायर में सिर्फ हवा कम थी, वो पंचर नहीं था।
इस पर सलमान के वकील श्रीकांत शिवड़े ने कहा था कि, कार की स्पीड 90-10 किलोमीटर प्रतिघंटा थी और सीढियों की ऊंचाई ज्यादा नहीं थी। इसी कारण कार सीढियों पर चढ़ी। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी माना कि अभियोजन पक्ष के गवाह और सलमान के बॉडीगार्ड रहे रवींद्र पाटिल इस मामले में एक स्वाभाविक और निष्पक्ष गवाह रहे हैं। पुलिस कॉन्स्टेबल रहे पाटिल की 2007 में बीमारी से मौत हो गई थी। पाटिल यह लगातार कहते रहे कि ड्राइवर शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था। उनकी गवाही को कोर्ट ने भी माना।
जज ने यह भी माना कि हादसे में पीडित नुरूल्ला शरीफ की मौत क्रेन द्वारा कार को उठाए जाने और फिर उसके पीडित पर गिरने से नहीं बल्कि कार चढ़ने की वजह से हुई थी। कोर्ट ने सलमान के वकील की उस दलील को भी नहीं स्वीकार, जिसमें कहा गया था कि घटनास्थल पर खून की बूंदों का न मिलना इस बात का सबूत है कि कार चढ़ने से नुरूल्ला की मौत नहीं हुई थी। कोर्ट ने कहा, ” नुरूल्ला के सिर, गर्दन, छाती, पेट पर बहुत सारी चोटें थीं। दोनों हाथ, खोपड़ी, दिल, फेफड़े पूरी तरह कुचल गए थे। मेरी राय में ऐसा तभी हो सकता है कि जब कार से भीषण आघात हो। कार सोते हुए नुरूल्ला के सिर और छाती पर चढ़ गई।”
सलमान के केस को लेकर जज ने कहा, “उनके शरीर में 0.062 प्रतिशत अल्कॉहल की मात्रा पाई गई। जब कोई भी व्यक्ति शराब पीता है और देर रात गाड़ी चलाता है तो उसके लिए ध्यान केंद्रित कर पाना मुश्किल हो जाता है और उसे ये भी पता होता है कि दुर्घटना हो सकती है, जिससे दूसरे लोग घायल हो सकते हैं, या फिर उनकी जान जा सकती है। वो भी खासतौर पर वो लोग जोकि फुटपाथ पर सोते हैं।”