सपा सरकार घोटालों की सरकार है: भाजपा
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सपा सरकार घोटालों की सरकार है। भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में एक के बाद दूसरे नए घोटाला सामने आ रहे है। यादव सिंह, गायत्री प्रजापति, पुलिस भर्ती व पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा नियुक्यिों के बाद अब बिजली घोटाला और बिजली बिलो को उपभोक्ताओं से र्निधारित दरों से अधिक वसूली किये जाने का मामला सामने आया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता हताश और निराश है और सरकार है कि एक के बाद दूसरा नया घोटाला सामने आ रहा है।
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बिजली उपभोक्ता जहां एक तरफ विद्युत आपूर्ति की अव्यवस्था से पसीना-पसीना हो रहा है, वही दूसरी तरफ एच.पी.सी.एल. कर्मियों व विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से अरबों का सरकारी राजस्व घोटाले की भेंट चढ़ गया तो दूसरी तरफ बिजली बिल के नाम पर उपभोक्ताओं से अवैध वसूली की जा रही हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा बिजली कम्पनियों की मनमानी के कारण रेग्यूलेटरी सरचार्ज को नियामक आयोग द्वारा 15 दिन पहले ही घटाने के बावजूद बिजली कम्पनियों उपभोक्ताओं से 2.84 प्रतिशत की दर से रेग्यूलेटरी चार्ज वसूल रही है जिसके कारण विद्युत उपभोक्ताओं को अबतक सैकड़ो करोड़ की चपत लग चुकी है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आश्चर्य की बात तो यह है कि बिजली उपभोक्ताओं से अवैध वसूली की बात सामने आने के बावजूद भी विद्युत उपभोक्ताओं से उसी दर पर अभी भी बिलों का भुगतान लिया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में आम जनता लुट रही है कभी उपभोक्ता से अतरिक्त फिक्स चार्ज के साथ एम.डी. पेनाल्टी के रूप में 200 करोड़ वसूला गया तो बिना मीटर वाले शहरी उपभोक्ताओं पर जबरन 150 करोड़ का बोझ डाला तो लाखो ग्रामीण उपभोक्ताओं से प्रति कनेक्शन की जगह प्रति किलोवाट के आधार पर 1 अरब की वसूली की और अब रेग्युलटेरी सर चार्ज के नाम पर दर से अधिक वसूली कर विद्युत उपभोक्ताओं से करोड़ो की वसूली की जा रही है। भाजपा प्रवक्ता ने प्रदेश के मुखिया से मांग की कि विद्युत उपभोक्ताओं से वसूला गया अतिरिक्त धन उन्हे वापस किया जाये और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित हो जाये जो आमजन से नियम से अधिक वसूली करे रहे है।
भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री जी जो विद्युत मंत्री भी है से सवाल पूछा कि आखिर विद्युत उपभोक्ता प्रदेश के आम नागरिकों के साथ यह नाइंसाफी आखिर कब तक ? प्रदेश उपभोक्ता किसान/व्यवसायी व उद्योग एक तरफ विद्युत आपूर्ति को लेकर हलाकान है तो दूसरी तरफ बिजली बिल को लेकर हैरान।