अखिलेश सरकार भी माया सरकार के नक्शे पर: पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश सरकार को आज निशाने पर लेते हुए कहा कि राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नाम पर मेडिकल कालेज और स्टडी सेंटर खोलकर क्या संदेश देना चाहते है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बसपा सुप्रीमों मायावती की मूर्तियों की स्थापना को लेकर सवाल खड़े करने वाले तथाकथित समाजवादियों को यह बताना चाहिए कि सपा प्रमुख के नाम पर सरकारी धन से स्टडी संेटर खोकर वे लोहिया और जे.पी. के कौन से समाजवाद का अनुसरण कर रहे है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार भी माया सरकार के नक्शे कदमों पर चल रही है। बसपा सरकार में बसपा प्रमुख की मूर्तियां बनवाने की होड़ मची थी। सपा सरकार में सपा प्रमुख के नाम पर संस्थान खोलने की प्रतिस्पर्धा जारी है।
सोमवार को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा संचालित रफीकल मुल्क मुलायम सिंह यादव उर्दू आइ.ए.एस. स्टडी सेन्टर के उद्घाटन कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा लोहिया और समाजवाद की ढिढ़ोरा पिटने वाले लोग ठीक उसके उलट आचरण करने में लगे है। बसपा शासनकाल में बसपा प्रमुख के नाम पर मूर्तियाँ खड़ी करने की होड़ मची रही अब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नाम संस्थानों के निर्माण की होड़ मची है। मेरठ में सपा नेत्री ने मुलायम सिंह यादव के नाम पर मेडिकल कालेज बनाने का संकल्प लिया तो भला आजम खां साहब जो मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन तालिबान के पैसे से दाउद के पैसे से मनाये थे कैसे पीछे रहते। पहले उन्होंने मुलायम का मंदिर बना पूजा की वकालत की और अब तो उन्होंने जनता की गाढ़ी कमाई से एक स्टडी सेन्टर ही मुलायम सिंह यादव के नाम पर खोलने का निर्णय ले लिया।
उन्होंने कहा सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण पूरे प्रदेश का नौजवान भयभीत है। जब मुकदमा वापसी की बात आती है तो सरकार शासनादेश के लिखती है कि केवल मुसिलम नवयुवक। जब उज्जवल भविष्य की बात आती है तो सरकार विज्ञापनों में लिखती है, अल्पसंख्यक उर्दू भाषी युवक। उन्होंने सवाल किया कि आइ.ए.एस. परीक्षा में तो सभी सामान्य विषय आते है और सभी सामान्य विषयों की तैयारी के लिए सिर्फ उर्दूभाषी युवकों के लिए ही व्यवस्था क्यों ?
श्री पाठक ने कहा कि सभी वर्गो की सरकार होने का दावा करते लोग स्टडी सेन्टर बना रहे थे तो तय करते की सभी जाति-धर्म, पंथ व भाषा के युवको के उज्जवल भविष्य के लिए इस सेन्टर का उद्देश होगा। किन्तु तुष्टीकरण की पराकाष्ठा और चाटुकारीता में जुटी अखिलेश सरकार को आमजन की परवाह ही नहीं है।