पोलिस सुरक्षा में चल रही हैं बादल परिवार की बसें!
मोगा: मोगा में बादल परिवार की एक बस में छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां और बच्ची को चलती बस से फेंक दिया गया। मां हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही है और बेटी की जान चुकी है, लेकिन बादल परिवार की इस बस कंपनी को जबरदस्त पुलिस सिक्योरिटी दी जा रही है।
मोगा में बादल परिवार की बस को सुरक्षा दी जा रही है। इस बस के आगे-पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है ताकि कोई बच्ची और उसकी मां के साथ हुई घटना के गुस्से में उस पर हमला न कर दे। सरकारी खर्चे पर सीएम परिवार की बस कंपनी की बस को खास सुरक्षा दी जा रही है।
जब इस बारे में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा से बात की गई तो उनका कहना था कि स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें दिनोंदिन कम हो रही हैं जबकि सीएम परिवार की बसें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपकी नजर में अब आया पर यह नई बात नहीं है और यहां यह आम बात है | दरअसल इस बस को सरकारी खर्चे पर सुरक्षा दी जा रही है।
पंजाब में छेड़खानी के बाद सत्तारूढ़ बादल परिवार की एक बस से फेंक दिए जाने पर मारी गयी किशोरी के परिवार ने मुआवजे और इस परिवहन कंपनी का परमिट रद्द करने की मांग पूरी होने तक उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है और इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया।
किशोरी के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि वे तबतक लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जबतक कि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। इन मांगों में 50 लाख रुपया मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को रोजगार, किशोरी की घायल मां का मुफ्त इलाज और बस परिचालक ओरबिट एविएशन की बसों का रूट परमिट रद्द किया जाना शामिल हैं। ओरबिट एविएशन की बस में ही दो दिन पहले यह घटना घटी थी। लड़की का शव सिविल अस्पताल के शवगृह में रखा है।
पंजाब सरकार ने 20 लाख रुपये के मुआवजे की पेशकश की है और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा भी किया है। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने का वादा भी सरकार की तरफ से किया गया है।
पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपनी बेटी और बेटे के साथ गुरुद्वारे जाने के लिए बस में सफर कर रही थी, उसी दौरान बस में मौजूद 6-7 बदमाशों ने उनसे और बेटी के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया।
पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी