हिस्सेदारी ना मिली तो सड़कों पर उतरेगा जन सैलाब: पिछड़ा समाज महासभा
लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा द्वारा चलाई जा रही हिस्सेदारी मिशन इन इंडिया के द्वारा उठाई गयी मांग पिछड़ो, दलितों, मुस्लिमों, ईसाईयों, आदिवासियों को उनकी आबादी (जातिवार) के अनुपात में न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका, कृषि भूमि, निजी क्षेत्र, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों, मिलेट्री, पैरा मिलेट्री, भवन आदि में तत्काल हिस्सेदारी दिये जाने हेतु केन्द्र व राज्य सरकारे कानून बनाये जाने, शिक्षा एक समाज हो राष्ट्रपति व मजदूर का बच्चा एक साथ पढ़े, धारा 341 पर से धार्मिक प्रतिबन्ध हटाये जाने, किसानों को उनकी लागत मूल्य से 10 गुना मुआवजा दिये जाने आत्महत्या करने वालों किसानों को 20 लाख रूपये दिये जाने किसानों के बच्चों के शादी हेतु 2 लाख रूपये दिये जाने किसानों के सभी कर्जे माफ किये जाने , बड़े किसानों से बटाई पर लिये गये खेतिहर मजदूरो को भी मुआवजा दिये जाने, पिछड़ो, दलितो को प्रोन्नति में आरक्षण दिये जाने, कारपोरेट घरानों को भूमि देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया भूमि अधिग्रहण बिल का तत्काल वापस किये जाने , आदि मांगों को लेकर महासभा का अभियान चलाया जा। इसी अभियान के तहत दूसरी बार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया । यह जानकारी आज यहाँ जारी एक संयुक्त वक्तव्य में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुलहक मलिक व राष्ट्रीय महासचिव शिवनारायण कुशवाहा ने दी।
नेता द्वयय ने यह भी बताया कि किसानों की समस्याओं का समाधान केन्द्र व राज्य सरकारें तत्काल नही करती है तो महासभा आर-पार की लड़ाई करेगा। नेता द्वय ने केन्द्र व राज्य सरकारों से अपील की है कि किसानों का जो मुआवजों के रूप में पैसा दिया जा रहा है उसमें बिचैलिया भी शामिल है। इसकी जांच भी किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने की आवश्यकता है।
नेता द्वय ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनैतिक दल अन्नदाता भी राजनीति कर रहें है। ऐसे लोगों से देश की जनता को सावधान रहना चाहिये, अन्नदाता पर आई आपदा पर देश की जनता एकजुट होकर अन्नदाता की मदद करनी चाहिये।
नेता द्वय ने यह भी बताया बहुत दिनों तक देश की जनता नाइन्साफी व जुल्म को बर्दास्त नही करेगी वह दिन दूर नही जब जनता का सैलाब सड़कों पर होगा और पुंजीपतियों, दलालो के साथ-2 नेता को भी जनता का कोप भाजन बनना पड़ेगा। बहुत दिनों तक को जनता को मूर्ख नही बनाया जा सकता। नेता द्वय ने यह भी बताया कि समस्याओं का समाधान नही हुआ तो महासभा मजदूर/किसानों के संगठनों के साथ मिल कर राष्ट्र व्यापी संघर्ष की घोषणा करेगा।