भूकम्प की त्रासदी प्रकृति की चेतावनी है: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने किया ‘साइक्लो ग्रीन-2015’ का उद्घाटन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भूकम्प की त्रासदी प्रकृति की चेतावनी है, जिसे समझते हुए हर हाल में पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों से भारत सहित पूरे विश्व में प्रकृति के अस्वाभाविक रूप को देखा जा रहा है। वस्तुतः इन सभी प्राकृतिक आपदाओं का मूल कारण पर्यावरण से छेड़छाड़ ही है। हाल ही में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि को भी इसी कड़ी में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। डाॅ0 राम मनोहर लोहिया एवं जनेश्वर मिश्र पार्क का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन पार्कों में उनकी आलोचना करने वाले भी आॅक्सीजन प्राप्त करने के लिए आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां एवन साइकिल कम्पनी तथा टाइम्स ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रैली ‘साइक्लो ग्रीन-2015’ के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर आयोजित ब्राजील के प्रसिद्ध जुम्बा डांस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर देश एवं प्रदेश में संचालित अच्छी योजनाओं को अपनाकर उन्हें राज्य की जनता की बेहतरी के लिए लागू करने का प्रयास करती है। ब्राजील में संचालित पेंशन योजना के आधार पर ही समाजवादी पेंशन योजना की रूपरेखा तैयार करने एवं प्रदेश में इसे लागू करने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ब्राजील की तर्ज पर ही इस पेंशन योजना की धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में प्रेषित की जा रही है ताकि भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे।
साइकिल सवारी को पर्यावरण के लिए सबसे महफूज़ एवं बेहतर साधन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार साइकिल संचालन में सवार को बैलेंस बनाने की जरूरत होती है, उसी प्रकार से जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में संतुलन बनाना पड़ता है। साइकिल की तरह ही जिंदगी को भी चलाने के लिए अपनी ताकत एवं तकनीक का प्रयोग व्यक्ति विशेष को स्वयं ही करना पड़ता है। प्रदेश सरकार साइकिल के महत्व को समझते हुए लखनऊ एवं आगरा नगर में साइकिल टैªक बनाने का कार्य कर रही है, जिससे इन शहरों में आने वाले पर्यटक आसानी से साइकिल की सवारी करते हुए ऐतिहासिक इमारतों एवं स्थलों का लुत्फ उठा सकें और उन्हें बिना किसी परेशानी के इन्हें नज़दीक से देख एवं समझ सकें।