विद्युत अभियन्ता ठेकेदारों को नौकर न समझें: यासर शाह
कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार ई-मेल पर अपनी शिकायत दर्ज करायें: ऊर्जा राज्य मंत्री
लखनऊ: विद्युत अभियन्ता निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदारों (कान्ट्रैक्टर) को नौकर न समझें, बल्कि सहयोगी समझकर निर्माण कार्यों को पूरा करने में हर सम्भव मदद दें ताकि निर्माणाधीन विद्युत उपकेन्द्रों को निर्धारित अवधि मे ंपूरा किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री यासर शाह ने आज यहां शक्ति भवन में यूपी पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2016 तक सभी बड़े नगरों में 24 घंटे, नगरों में 22 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे विद्युत आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है और उसे हर हालत में पूरा करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में नई विद्युत इकाइयों से विद्युत उत्पादन शुरू होने को है, इसके लिए यह आवश्यक है कि विद्युत निवासी को पूरा प्रबन्ध हो। उन्होंने निर्देश दिये कि 765 के0वी0, 400 के0वी0, 220 के0वी0 तथा 132 के0वी0 विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए हर हालत में सभी कार्य दिसम्बर 2015 तक पूरा करें ताकि लक्ष्य के अनुरूप 2016 तक सभी क्षेत्रों को पर्याप्त मात्रा में विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेे।
ऊर्जा राज्य मंत्री ने कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश दिये कि वे निर्धारित अवधि में सभी कार्यों को पूरा करें अन्यथा उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जायेगा। इसी के साथ उन्होंने ट्रांसमिशन कारपोरेशन के अधिकारियों को भी सचेत किया कि वे कार्यदायी संस्थाओं को अपना पूरा सहयोग प्रदान करें न कि बाधा खड़ी करें। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं एवं ठेकेदारों से कहा कि उनकी समस्याओं के निदान के लिए एक तत्काल ई-मेल जनरेट किया जा रहा है, जिस पर वे अपनी शिकायतों एवं सुझावों को भेज सकतें हैं ताकि त्वरित गति से उनकी समस्याओं का निदान किया जा सके। उन्होंने अभियन्ताओं का आह्वान किया वे प्रदेश में ऐसा वातावरण सृजित करें कि लोग बाहर से आकर कार्य करने में अपनी अभिरूचि दिखाएं।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष पावर कारपोरेशन संजय अग्रवाल, ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक संजय प्रसाद, निदेशक वित्त एस0के0 अग्रवाल के अलावा उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम, जल निगम एवं अन्य कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।