किसानों के चेक बाउंस होने पर होगी कड़ी कार्रवाई
बीमा कम्पनियाॅ तत्काल किसानों को 25 प्रतिशत धनराशि बाॅटें: शिवपाल यादव
लखनऊ: उ0प्र0 के लोक निर्माण , सिंचाई , सहकारिता एवं राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि दैवीय आपदा से प्रभावित जिलों में तत्काल जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक संयुक्त टीम गठित कर ली जाये। उन्होंने कहा कि गठित टीम में बीमा, कृषि, बैंक एवं सचिव महाप्रबंधक सहकारिता को शामिल किया जाये। श्री यादव ने कहा कि टीम पीडि़त किसानों के खेत में जाकर सर्वे करके एक सप्ताह के अन्दर रिर्पोट भेजे।
श्री यादव आज लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस, लखनऊ, में सहकारिता, राजस्व, कृषि एवं बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा बाटे गये क्लेम की समीक्षा कर रहे थे। राजस्व मंत्री ने बीमा कम्पनियों द्वारा बाॅटी गई धनराशि को अपर्याप्त बताते हुए सख्त निर्देश दिये कि पीडि़त किसानेां को अविलम्ब 25 प्रतिशत धनराशि वितरित कर दी जाये। उन्होंने कहा कि यदि कहीं से भी चेक बाउंस की शिकायत मिलती है तो सम्बन्धित बीमा कम्पनी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। श्री यादव ने कहा कि बहुत सी जगहों पर दुबारा हुई बारिस का सर्वे अभी तक बीमा कम्पनियों द्वारा नही किया गया है। वहां पर टीम भेजकर अविलम्ब सर्वे करा कर पीडि़त किसानों को मुआवजा बांटा जाये।
श्री यादव ने बीमा कम्पनियों को निर्देश दिये कि किसानों से जो बीमा फार्म भराया जाये वह अनिवार्य रूप से हिन्दी में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान को अंग्रेजी की जानकारी न होने से बीमा की शर्तो को जान नही पाते है और बीमा कम्पनिया उनका गलत इस्तेमाल करती है और किसानों को दौड़ाती है तथा समय से बीमा राशि नही देती है। उन्होंने बीमा कम्पनियों को निर्देश दिया कि बीमा क्लेम की सूचना 48 घंटे से बढ़ाकर एक सप्ताह किया जाये।
श्री यादव ने कहा कि फसलों के कटने के बाद हुई बारिस से फसलों का नुकसान अधिक हुआ है और अभी तक बीमा कम्पनियों द्वारा न तो सर्वे किया गया और न ही बीमा की राशि किसानों को वितरित की गयी। श्री यादव ने बीमा कम्पनियों को सख्त निर्देश दिये यदि उन्होंने अपने आचरण में सुधार नही लाये तो उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव सहकारिता, कृषि विभाग के अधिकारी एवं बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।