सीपीएम के महासचिव बने सीताराम येचुरी
विशाखापट्टनम : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने रविवार को सीताराम येचुरी को अपना नया महासचिव चुन लिया। विशाखापट्टनम में सीपीएम के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीपीएम की ओर प्रकाश करात ने इस चुनाव का एलान करते हुए कहा, ‘पार्टी ने सर्वसम्मति से सीताराम येचुरी को नया महासचिव चुना है।’
प्रकाश करात पार्टी के महासचिव के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। इस पद के लिए केरल के वरिष्ठ सीपीएम नेता एस. रामचंद्रन पिल्लई भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन अंत में पार्टी के प्रतिनिधियों ने सीताराम येचुरी पर भरोसा जताया। इसके पीछे पार्टी का युवा नेतृत्व का तर्क है।
कहा जा रहा है कि महासचिव बनाए जाने के लिए सीताराम को पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा यूनिट के अलावा कई हिंदीभाषी राज्यों की सीपीएम यूनिट का समर्थन मिला है। येचुरी केरल यूनिट से भी कुछ हद तक समर्थन लेने में सफल रहे हैं।
सीपीएम में महासचिव के चुनाव के लिए 749 पार्टी डेलीगेट्स का गुप्त मतदान होता है जिसमें से करीब साढ़े तीन सौ डेलीगेट्स अकेले केरल हैं। लेकिन इस चुनाव से साफ है कि येचुरी केरल के डेलीगेट्स में सेंध लगाने में सफल रहे हैं।
माकपा में महासचिव का पद शीर्ष होता है। पिछले चुनावों में पार्टी के हार के कारणों और कामरेड करात की नीतियों पर येचुरी सवाल उठाते रहे हैं। फिर येचुरी का सिर्फ 63 साल का होना, हिन्दी भाषा की अच्छी जानकारी होना और लंबे समय से संसदीय राजनीति में सक्रिय होना भी उनके काम आया।