प्रदेश में आॅर्चिड टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा: अमृृत अभिजात
लखनऊ: प्रदेश के बागानों और बागों में आर्चिड टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार स्तर से कई प्रकार की अवस्थापना सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी। प्रदेश के पश्चिमी जिलों, मध्य प्रदेश के लखनऊ, तराई के जिलों तथा फैजाबाद के अलावा बंुदेलखंड के कुछ बाग बागानों में सैलानियों के लिए छोटे छोटे निजी होटलों की श्रंखला तैयार करने में भी यूपी टूरिज्म सक्रिय सहयोग प्रदान करेगा।
यह जानकारी प्रदेश के महानिदेशक पर्यटन अमृृत अभिजात ने दी। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत एक कार्यशाला का आयोजन पर्यटन भवन में किया जा चुका है और जल्दी ही दूसरी कार्यशाला की जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के किसानों को इसमें आमंत्रित किया गया और उनसे इस परियोजना पर विचार विमर्श किया गया। उनके अनुसार किसानों ने इस परियोजना का स्वागत किया क्योंकि दूर दराज के उनके खेत खलिहानों तक सरकार अगर इस परियोजना के अंतर्गत अवस्थाना सुविधाएं विकसित करती है तो इसका फायदा कृृषि और कृृषि उपज को ही होगा। किसानों का यह भी कहना था कि इससे छोटे और मंझोले किसानों का पलायन भी रुकेगा। इसी श्रंखला की अगली कार्यशाला जल्द ही पर्यटन भवन में फिर से आयोजित की जाएगी।
श्री अभिजात ने कहा कि विदेशों में बाग बागीचों में छोटे छोटे होटलों को विकसित करने की शानदार परंपरा है। लेकिन हमारे प्रदेश में लखनऊ, तराई के जनपदों, पूर्वी प्रदेश के चुनिंदा जिलों, बुंदेलखंड के ललितपुर और महोबा जैसे जनपदों के अलावा पश्चिमी प्रदेश के अघिकांश इलाकों में इस प्रकार के पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसानों ने इस प्रकार के छोटे छोटे होटल अपने बाग मे ंविकसित कर भी लिए हैं और वह कामयाब भी हैं। उनके अनुसार आर्चिड टूरिज्म को 25 जुलाई 1998 में लागू की गई पेंइंग गेस्ट योजना और 8 मई 2008 को लागू की गई बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना से भी आच्छादित किया जाएगा।
पेइंग गेस्ट योजना के तहत भवन स्वामी अपने घर के पांच कमरों में दस बेड उपलब्ध करा सकते हैं लेकिन कम से कम अपने लिए दो कमरे उसे अवश्य रखने होंगे जिन्हें वह किराए पर नहीं दे सकता। विदेशी पर्यटकों को निवास कराने के लिए उनके पासपोर्ट और फार्म सी का विवरण उसे रखना होगा। इसी प्रकार की अन्य शर्तों को इसके लिए लागू करना होगा। ब्रेक फास्ट योजना दरअसल अव्यवसायिक योजना है जिसके अंतर्गत मान्यता प्राप्त पंजीकृृत पर्यटन इकाइयों को कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
श्री अभिजात ने बताया कि आर्चिड टूरिज्म के तहत बाग बागानों में होटल के आस पास की अवस्थापना सुविधाओं को सरकार विकसित करेगी ताकि पर्यटकों को आवागमन में कोई सुविधा न हो और उन्हें सुरक्षा का बोध भी कराया जा सके। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के कई बाग बागान वाले इलाकों को कायाकल्प भी हो जाएगा और प्रदेश के राजस्व में भी काफी इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि देशी हों या विदेशी हर पर्यटक मंहगे होटलों में नहीं रह सकता और मध्य वर्गीय परिवारों के लोगों के लिए भी पर्यटन की सुविधाएं बढ़ाने के मकसद से इसे प्रदेश में जल्द ही लागू किया जाएगा।