गन्ना आयुक्त ने भुगतान की सुस्त रफ्तार पर चीनी मिलों को लताड़ा
लखनऊ: सचिव मुख्यमंत्री शम्भू सिंह यादव ने आज गन्ना किसान संस्थान के सभागार में प्रदेश के चीनी मिलों के अध्यासियों/प्रधान प्रबन्धकों की बैठक कर गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की। बैठक में प्रदेश के गन्ना आयुक्त सुभाष चन्द शर्मा ने पिछले महीने वर्तमान पेराई सत्र के भुगतान हेतु मिलों के निर्धारित लक्ष्य की प्रगति का मिलवार विवरण तलब किया और अपनी प्रतिबद्धता पर खरी न उतरने वाली चीनी मिलों को कड़ी फटकार लगाई तथा गन्ना मूल्य भुगतान पर तेजी न लाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। इस पर सचिव, मुख्यमंत्री ने आगामी 5 मई तक चीनी मिलों के लिये भुगतान का लक्ष्य पुनर्निर्धारित करते हुये सभी चीनी मिलों को निर्देशित किया कि इस तिथि तक लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करें अन्यथा दण्ड के भागी होगें।
आज निर्धारित लक्ष्यानुसार बजाज समूह को अब से लेकर 5 मई तक 500 करोड़ रूपये का, नवाबगंज को 9 करोड़, बघौली को 16 करोड़ तथा बहेड़ी को 50 करोड़ का भुगतान करना है। इसी तरह त्रिवेणी, धामपुर, आई0पी0एल0, डालमिया, बलरामपुर, द्वरिकेश एवं डी0एस0सी0एल0 समूह को शत-प्रतिशत एंव एकल समूह की टिकोला, पीलीभीत, दौराला व मोतीनगर चीनी मिलों को भी शत-प्रतिशत भुगतान 5 मई तक करने का निर्देश दिया गया। चीनी मिल सेवरही के लिये 90 प्रतिशत बिड़ला समूह के लिये 80 प्रतिशत भुगतान का लक्ष्य निर्धारित किया गया और वेब, राणा व उत्तम समूह की चीनी मिलों के लिये 75 प्रतिशत एवं शामली व कप्तानगंज के लिये 50 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
विभाग के मुख्य प्रचार अधिकारी डा0 भूपेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि अब तक गन्ना मूल्य के 14 दिन पूर्व तक के देय 16030 करोड़ रूपये के सापेक्ष 9,505 करोड़ का भुगतान कराया जा चुका है जो कुल देय का 59 प्रतिशत है। बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज 155.58 करोड़ रूपये का भी आंकलन कर इसके भुगतान हेतु बिल भेजा गया है। गत पेराई सत्र के कुल देय गन्ना मूल्य का 98.89 प्रतिशत का भुगतान कराया जा चुका है। प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा अब तक 7,163 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई कर 683 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। अभी प्रदेश में 48 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है। इस बार चीनी परता भी 9.54 है, जो पिछले पेराई सत्र से अधिक है।