नेट न्यूट्रैलिटी विवाद : ‘एयरटेल जीरो’ डील से फ्लिपकार्ट ने खींचे हाथ
नई दिल्ली : नेट न्यूट्रैलिटी को खतरे में डालने के आरोपों से घिरे और चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे ई-रीटेलर फ्लिपकार्ट और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एयरटेल के बीच नए प्रोग्राम ‘एयरटेल ज़ीरो’ के लिए जारी बातचीत टूट गई है। फ्लिपकार्ट ने घोषणा की है कि उसने ‘एयरटेल ज़ीरो’ को लेकर की जा रही बातचीत खत्म कर दी है।
एक बयान में ई-रीटेलर ने कहा, “फ्लिपकार्ट में रहकर हम हमेशा से नेट न्यूट्रैलिटी का समर्थन करते रहे हैं, क्योंकि हमारा अस्तित्व ही इंटरनेट की बदौलत है… पिछले कुछ दिनों से हमारी कंपनी के भीतर और बाहर बहुत जोरदार बहस चल रही है, और हम इसके परिणामों को समझते हैं…”
दरअसल, मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर एयरटेल और ई-रीटेलर ऐप फ्लिपकार्ट के बीच एक नए प्रोग्राम ‘एयरटेल ज़ीरो’ के लिए हुई कथित डील को लेकर पिछले काफी दिनों से यूज़र फ्लिपकार्ट को ज़ोरदार तरीके से कोसते हुए उस पर ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ खत्म करने का आरोप लगा रहे थे और उसका साथ छोड़कर जाने लगे थे।
नेट न्यूट्रैलिटी (इंटरनेट तटस्थता) वह सिद्धांत है, जिसके तहत माना जाता है कि इंटरनेट सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियां इंटरनेट पर हर तरह के डाटा को एक जैसा दर्जा देंगी। दरअसल, इंटरनेट पर की जाने वाली फोन कॉल्स के लिए टेलीकॉम कंपनियां अलग कीमतें तय करने की कोशिश कर चुकी हैं और वे इसके लिए वेब सर्फिंग से ज़्यादा दर पर वसूली करना चाहती थीं। इसके बाद टेलीकॉम नियामक एजेंसी ‘ट्राई’ ने आम लोगों से ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ या ‘नेट तटस्थता’ पर राय मांगी है।
असल मुद्दा यह है कि टेलीकॉम कंपनियां इस बात से परेशान हैं कि नई तकनीकी ने उनके कारोबार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। जैसे कि व्हॉट्सऐप के मुफ्त ऐप ने एसएमएस सेवा को लगभग खत्म ही कर डाला है, इसलिए कंपनियां ऐसी सेवाओं के लिए ज्यादा रेट वसूलने की कोशिश में हैं, जो उनके कारोबार और राजस्व को नुकसान पहुंचा रही हैं। हालांकि इंटरनेट सर्फिंग जैसी सेवाएं कम रेट पर ही दी जा रही हैं।
इस डील के बारे में ख़बरें आने के बाद यूज़रों ने एन्ड्रॉयड फोनों पर फ्लिपकार्ट ऐप को ‘1 स्टार’ की रेटिंग देना शुरू कर दिया था और उसके लिए खराब रिव्यू भी लिखने लगे थे। उनका कहना था कि एयरटेल और फ्लिपकार्ट ऐप के बीच हुई यह डील ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ के खिलाफ है।