मोदी, मर्केल ने किया यूपी पैवेलियन का अवलोकन
जर्मनी के हनोवर मेले में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे शामिल
मुख्यमंत्री जर्मन भाषा में आई0टी0 पाॅलिसी की वेबसाइट www.upsteigend.in को भी लाॅन्च करेंगे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल के साथ जर्मनी में 13 से 17 अप्रैल, 2015 तक आयोजित हनोवर तकनीकी और इंजीनियरिंग मेले में सम्मिलित होंगे। इस प्रतिनिधिमण्डल में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री अभिषेक मिश्रा, मुख्य सचिव आलोक रंजन सहित कई विभागों के सचिव भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मेले में जर्मन भाषा में आई0टी0 पाॅलिसी की वेबसाइट www.upsteigend.in को लाॅन्च करेंगे। राज्य सरकार की यह एक अनूठी पहल है।
हनोवर मेले में उत्तर प्रदेश द्वारा एक पैवेलियन स्थापित किया गया है। इस पैवेलियन का अवलोकन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं जर्मनी की चान्सलर एंजेला मर्केल द्वारा किया गया। सुश्री मर्केल ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में आॅटोमोबाइल और इलेक्ट्राॅनिक मैनुफैक्चुरिंग की काफी सम्भावनाएं हैं। गौरतलब है कि पैवेलियन में प्रदर्शित बैनर व पोस्टर आदि जर्मन भाषा में भी है।
प्रतिनिधिमण्डल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाना है। साथ ही, जर्मनी की संस्थाओं, औद्योगिक संस्थानों और कम्पनियों से रिश्तों को मजबूत बनाते हुए सौर व नवीकरणीय ऊर्जा, आॅटोमोबाइल, क्लीन टेक्नोलाॅजी, शोध एवं नवोन्मेष, कौशल विकास एवं खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में सहयोग और निवेश को आमंत्रित करना है।
उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जर्मनी के पास उच्च तकनीक उपलब्ध है और उत्तर प्रदेश भी इस क्षेत्र के विकास को लेकर बेहद गम्भीर है। राज्य सरकार छतों पर सौर संयंत्र लगाए जाने की सम्भावनाओं पर भी विचार कर रही है।
हनोवर मेले में 16 अप्रैल, 2015 को ‘उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के अवसर’ पर एक सत्र भी आयोजित होगा, जिसमें मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इस सत्र में सौर ऊर्जा, आॅटोमोबाइल और क्लीन टेक्नोलाॅजी के क्षेत्र में तकनीकी हस्तान्तरण जैसे मुद्दों पर चुनिन्दा प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श होगा।
विश्व प्रसिद्ध हनोवर मेले में पूरे संसार से व्यापार, तकनीक, उद्योग, विज्ञान से जुड़ी हस्तियां और नीति निर्माता शामिल होंगे, जिनकी संख्या लगभग दो लाख होगी। इसमें भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित 300 कम्पनियां सम्मिलित हो रही हैं, जो इस आयोजन में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगी। 21 बिलियन अमरीकी डाॅलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ जर्मनी भारत का 6वां सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। दोनों देशों के कारोबारी सम्बन्ध मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आॅटोमोबाइल, कैमिकल्स, सेवा, परमाणु रियेक्टर, निर्माण आदि क्षेत्रों में हैं।