अपने वक्तव्यों में गंभीरता बरतें अखिलेश: विजय बहादुर पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद महत्वपूर्ण पद है, सरकार के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने वक्तव्यो में गंभीरता बरतनी चाहिए, बचकानी बाते शोभा नहीं देती। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि तकनीक से पुलिस की छवि बदलने में जुटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनता में पुलिस की विश्वसीनता कायम करने की पहल करे। आधुनिकीकरण के नाम पर सपा सरकार एक बार फिर शिगुफो से काम चलाने की कवायत में है। दावे पहले भी हुये है 05-10 मिनट पुलिसिंग के किन्तु मुख्यमंत्री के चेतावनी के बाद 40 दिनों से ऊपर बीत चुके है किन्तु लखनऊ में ट्रिपल मर्डर और लूट के मामले का खुलासा अब-तक नहीं हो सका है।
रविवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा गया कि ईमानदारी से मुकदमों का पंजीकरण करो तो विपक्ष कहता कि अपराध बढ़ गये इस पर सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विपक्ष को निशाने पर लेते मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों के बीच में यह कहकर क्या संदेश देना चाहते है कि अगर मुकदमें दर्ज हुए तो विपक्ष कहेगा कि अपराध बढ़े है ? मुख्यमंत्री के कथन में इशारों-इशारों में संदेश साफ हैं कि मुकदमें कम दर्ज करो। अखिलेश सरकार पर दो मुँही बातें करने का अरोप लगाते हुए श्री पाठक ने कहा राज्य सरकार द्वारा दावे आनलाइन एफ.आई.आर. के हो रहे है, पर मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से अधिक मुकदमे दर्ज होने पर विपक्ष द्वारा अपराध बढ़ने के आरोप लगाये जाने की बात कर रहे है।
उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री दावे कर रहे है कि पुलिस विभाग में अधुनिकीकरण के भरोसे 10 से 20 मिनट में घटना स्थल पर पुलिस पहंुचेगी इसके पहले भी पुलिस कंट्रोल रूम के उद्घाटन और लखनऊ में आधुनिक सुविधाओं से लैस गाडि़यों के संचालन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि 5 से 10 मिनट में पुलिस पहुंचेगी हर चैराहे निगरानी के जद में रहेगे, हुआ क्या ? उसके बावजूद राजधानी लखनऊ में ही गौरी हत्याकाण्ड हुआ, अम्बेडकर पार्क के सामने गार्ड की हत्या हुई, एस.एस.पी. बंगले के सामने आये दिन देर रात अराजक तत्वों का जमवाड़ा जारी है, सहारागंज में लगातार रईसजादो से पुलिस पिटती है। लखनऊ पुलिस तो इम्पोर्ट पुलिस का रूप लेती जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने चहेते दारोगाओ, इंस्पेक्ट्ररो को पूर्ववर्ती स्थान से आयतित करा कर थानो में तैनाती करने में जुटे है और अगर ये परम्परा पड़ गयी तो फिर तो कप्तान आयेगा वो अपने साथ अपने चहेतो को लायेगा।
श्री पाठक ने कहा कि राज्य पुलिस की विश्वसिनियता संकट में है तकनीकी जरूरी है किन्तु महज तकनीकी के भरोसे सुरक्षा नहीं हो सकती इसके लिए जाति धर्म से ऊपर उठकर पुलिसिंग किये जाने की आवश्यकता है बेहत्तर होता मुख्यमंत्री आधुनिकीकरण का पाठ पाढ़ते समय मामलो को तत्र्पता से सुलझाने की नसीहत भी पुलिस बल को देते।