मुआवजा राशि पर यूपी में हो रहा है छल और मजाक: डा0 बाजपेयी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि मुआवजा राशि के वितरण में छल और मजाक हो रहा है, जले पर नमक छिड़का जा रहा है। उन्होंने फैजाबाद के रूदौली के ग्राम सिवान/वाजिदपुर में भ्रमण के बाद कहा कि पूरे प्रदेश सरकार ने आंकलन को पुनः एक बार वास्वतिकता के आधार पर कराकर किसानों को उनके वास्तविक नुकासान का मुआवजा दिया जाय।
डा0 बाजपेयी आज फैजाबाद के रूदौली विधान सभा में ग्राम सिवान/वाजिदपुर में भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्हें अवगत कराया गया कि कब्रिस्तान जिसपर मकबरा बना है, जिसपर कभी आज तक फसल बोई ही नहीं गई, 8 लोगों के नाम (साबिर, अनवरी, कमरून निशा (मृतक), इन्तिमाज अली, मृतक, शमसुद्दीन, कमला, मुनीर मोल्हे) के नाम रूपये सौ-सौ के पृथक-पृथक चेक बनाये गये हैं, जिसमें दो मृतक हैं। अन्य मृतकों (साहेबलाल, शिवकुमार सिंह, अली हसन) के भी चेक बने हुए हैं। प्रत्येक चेक पर तहसीलदार के हस्ताक्षर हैं। अतएव इसकी पूर्णतया जिम्मेदारी तहसीलदार और उससे ऊपर के अधिकारियों की मानी जा सकती है, नीचे की नहीं। सैकड़ों लोगों का नाम मुआवजा सूची में नहीं है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि सामान्यतः रू0 750/- से कम का मुआवजा नहीं हो सकता और रू0 75/- रू0 100/- तथा रू0 150/- का चेक बना है।उपरोक्त परिस्थिति से स्पष्ट है कि जनपद फैजाबाद में किसानों के मुआवजे का आंकलन घर पर बैठकर किया गया है। खेत और उसके मालिक किसान को इकाई मानकर नहीं किया गया है तथा वास्तवकि नुकसान के आंकलन के अनुसार भुगतान नहीं किया गया है। माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा 33ः को शत प्रतिशत नुकसान से मामले का आदेश तथा मुआवजे की राशि के केन्द्रीय अंश का डेढ़ गुना देने की घोषणा के बाद भी किसानों के साथ यह भद्दा मजाक निंदनीय और अशोभनीय है।