मैक्कलम ने दिलाई 2008 के आईपीएल की याद
चेन्नई: ब्रेंडन मैक्कलम ने चेन्नई में सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 56 गेंदों पर आईपीएल-8 का पहला शतक पूरा किया। ऐसी पारियां खेलना मैक्कलम की फ़ितरत है।
क्रीज़ पर मैक्कलम खड़े हों तो किसी भी मुमकिन स्कोर की उम्मीद की जा सकती है। इस शतक को पूरा करने के लिए मैक्कलम को आख़िरी तीन गेंदों पर 11 रनों की
ज़रूरत थी। अपने ही देश के तूफ़ानी ट्रेंट बोल्ट की गेंद को उन्होंने अपने बल्ले के सहारे विकेटकीपर के पीछे बाउंड्री का रास्ता दिखाया… लाजवाब क्रिकेट और छक्का!
अगली गेंद पर चौका लगाकर वो 99 के स्कोर पर पहुंच गए और फिर आख़िरी गेंद पर रन बटोरकर अपना शतक पूरा कर लिया। 56 गेंदों की इस नाबाद पारी में मैक्कलम ने 9 छक्के और 7 चौके लगाए… 178.57 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए उनके 82 रन बाउंड्रीज़ के सहारे आए।
सात साल पहले 2008 में हुए आईपीएल के पहले ही मैच में तूफ़ानी पारियों का ट्रेंड भी मैक्कलम के बल्ले से ही शुरू हुआ था। पहले आईपीएल के पहले मैच में कोलकाता
नाइटराइडर्स के लिए उनकी नाबाद 158 रनों की पारी (73 गेंद, 10 चौका, 13 छक्का, 216.43 का स्ट्राइक रेट) ने उनकी टीम के मालिक शाहरुख़ ख़ान को स्टैंड्स में झूमने पर मजबूर कर दिया था।
मैक्कलम शॉर्ट फ़ॉमैट और ख़ासकर टी-20 के बेताज बादशाह हैं। इत्तिफ़ाकन हैदराबाद के ख़िलाफ़ चेन्नई में खेला गया उनका ये मैच उनका 199वां टी-20 मैच है। क़रीब 200 टी-20 मैचों में उनके नाम 6 शतक और 29 अर्द्धशतक हैं और कुल साढ़े पांच हज़ार से ज़्यादा रन हैं।
न्यूज़ीलैंड टीम को पहली बार वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल तक का सफ़र करवाने वाले 33 साल के कीवी कप्तान किसी भी विपक्षी टीम के गेंदबाज़ों के लिए खौफ़ की वजह हैं। बाज़ के नाम से मशहूर मैक्कलम ने एक बार फिर आईपीएल के आठवें सत्र में बल्ले का मुंह खोल दिया है। ये चेतावनी है आईपीएल में खेल रहे दूसरे सभी गेंदबाज़ और फ़ील्डर्स के लिए.. रोक सको तो रोक लो।