गडकरी ने छिड़का किसानो के जले पर नमक
कहा, सरकार और भगवान के भरोसे न रहें किसान
अमरावती : बेमौसम बारिश और ओले से किसानों की चौपट हुई फसल से किसानों की मौत के सवाल पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसान भगवान या सरकार पर भरोसा न करे। वह अपना भाग्यविधाता खुद बने। नई तकनीक अपनाकर किसान अपना जीवन खुद बदल सकता है।
महाराष्ट्र के अमरावती स्थित साइंस कोर ग्राउंड में कृषि विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में गडकरी ने किसान समुदाय से अपनी मानसिकता बदलने और सफलता के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने जीवन में सुधार लाने के लिए खुद ही पहल करनी होगी।
किसानों की मौत और चौपट हुई फसल से तबाही पर नितिन गडकरी के इस विवादित बयान को लेकर किसानों में भारी रोष है। विपक्षी दलों ने भी गडकरी के बयान को किसानों के जले पर नमक छिड़कने जैसा बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से जब गडकरी के बयान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा किसानों को फिर गडकरी के भरोसे रहना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि गडकरी के बयान से साफ लगता है कि मोदी सरकार नीति और नीयत दोनों से किसान विरोधी है।
बयान पर बवाल होने के बाद नितिन गडकरी ने कहा कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। किसान अपना भाग्य विधाता खुद बने कहने का मतलब ये था कि खेती-किसानी करने वाले लोग खेती की नई तकनीक को अपनाएं, आर्गेनिक खेती को अपनाएं और उसमें सरकार उनका हर तरीके का सहयोग करेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी की थी। बजट पेश करने के बाद उन्होंने कहा था, ‘मिडिल क्लास अपना ख्याल खुद रखे। हमें पांच साल में अर्थव्यवस्था खड़ी करनी है। मिडिल क्लास को बचत करनी होगी।’