मोदी सरकार किसानों के हित के लिए कटिबद्ध: डा0 बाजपेयी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने फसल की बर्बादी के कारण प्रदेश में किसानों द्वारा निरन्तर की जा रही आत्महत्या पर गहरी चिन्ता और दुख व्यक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि उ0प्र0 सरकार द्वारा 2015 को किसान हितैषी वर्ष घोषित किया था, परन्तु सरकार की संवेदनहीनता तथा फसल की बर्बादी से हताश किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याएं प्रदेश सरकार के किसान हितैषी होने की असलियत बयान कर रही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सदन से लेकर सर्वाजनिक समारोहो तक प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक समाजवादी पार्टी के नेता से लेकर प्रवक्ता तक केवल किसान हितैषी होने का गाल बजा रहे है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व की मोदी सरकार किसानों के हित के लिए कटिवद्ध है और किसानों के हर दुख तकलीफ में उसके साथ खड़ी हैं। भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार पर किसानों की घोर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक कोई भी किसानों का हाल जानने खेती की मेड़ तक नहीं गया और न ही शासन-प्रशासन के अधिकारी किसानों का हाल जानने उनके घर तक गये। मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारी तक अतिवृष्टि और ओलावृष्टि पर किसानों को हुई भारी तबाही पर थोथी घोषणाएं कर रहे है। जबकि केन्द्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्री नितिन गडकरी, हरी भाई चैधरी तथा रामकृपाल यादव ने आगरा, अलीगढ़ तथा मेरठ जनपद के गांव में जाकर किसानों की फसलों की क्षति का जायजा लिया, डा0 संजीव बालियान ने बुन्देलखण्ड और उन्नाव में जाकर किसानों को हुई क्षत्रि का जायजा लिया तथा मथुरा से सांसद सिनेस्टार हेमा मालिनी ने मथुरा के गांव का दौरा कर किसानों का दुख दर्द जाना।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद प्रदेश में आई आपदा के कारण इतनी बड़ी संख्या में कभी किसानों ने आत्महत्या नहीं की। उन्होंने सरकार पर कड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है क्यों कि यदि सरकार जिला अधिकारियों के माध्यम से आकस्मिक निधि से किसानों को राहत का भुगतान कर देती तो इतनी बड़ी संख्या में किसान अपना जीवन न गंवाते। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार अब तक 240 से भी अधिक किसानों ने फसलों की तबाही से हताश होकर जान गवाई है। जो प्रदेश के लिए शर्म का विषय है, उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में प्रदेश का अन्नदाता जीवन से हाथ धो बैठा। 2 लाख और 3 लाख मुआवाजे की बात समाचार पत्रों में तो छप रही है लेकिन प्रदेश के दुरस्थ स्थानों को छोड़ दीजिए राजधानी से सटे हुए जनपदों के किसानों तक सरकार और शासन के लोग नहीं पहुंचे। जबकि मुख्य सचिव की वीडियों कान्फ्रेंसिंग में मथुरा के जिलाधिकारी ने जनपद के किसानों की हकीकत बयान करते हुए कहा था कि यहां तो किसानों की सारी फसल तबाह हो गयी हैं। उसके बावजूद किसान हितैषी होने की बड़ी-बड़ी बात करने वाली सरकार का कोई मंत्री किसानों की खेत के मेड़ पर नहीं पहंुचा।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधिकारियांे की दल आज से प्रदेश के विभिन्न जिलों में तीन दिन तक दौरा करेगा तथा अधिकारियों का अलग-अलग दल फसलों की हुई नुकसान की जमीनी हकीकत को देखेगे। केन्द्रीय टीम जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा, झांसी, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, सम्भल, उन्नाव, कानपुर, इटावा तथा कन्नौज आदि जनपदों का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को देगी तथा केन्द्र सरकार किसानों की हर संभव सहायता करेगी एवं अवश्यकता पड़ने पर मुआवजा कानून में संसोधन भी किया जायेगा और फसलों का मुआवजा सीधे किसानों के खाते में भुगतान करने की भी तैयारी कर रही है।