किसानों को दी जाने वाली आपदा राहत राशि अपर्याप्त: जयंत चौधरी
लखनऊ। प्रदेश में लगातार हो रही किसानों की मौत पर गम्भीर रूख अपनाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव जयन्त चौधरी के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला।
राज्यपाल से भेंट करने के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान जयन्त चौधरी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जो आपदा राहत राशि दी जा रही है वह अपर्याप्त है केन्द्र सरकार द्वारा घोषित धनराशि को 9000 रूपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 25000 रूपये प्रति हेक्टेयर करना चाहिए। फसल बर्बादी के कारण जो भी किसान मौत का शिकार हुये हैं चाहे वह सदमें से हो बिजली गिरने से हो या फिर आत्महत्या करने से हो उन्हें उचित मुआवजा अविलम्ब दिया जाना चाहिए साथ ही उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की भी व्यवस्था करनी चाहिए। वर्तमान फसल के कृषि ऋण से सम्बन्धित सभी बैंको व अन्य वित्तीय संस्थाओं के कृषि सम्बन्धित सभी कर्जे माफ होने के साथ साथ किसानों का 6 माह का विद्युत बिल भी प्रदेश सरकार को माफ करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार को 50 प्रतिषत के नुकसान पर भुगतान करने की हठधर्मिता को छोड़कर सभी किसानों को नुकसान के आंकलन के आधार पर मुआवजा देना चाहिए। सैटेलाइट सिस्टम व आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुये जिलाधिकारी और कृषि विशेषज्ञों की ऐसी टीम का गठन किया जाना चाहिए जिसमें किसानों का प्रतिनिधित्व भी हो जिससे मुआवजा नीति दोषपूर्ण न हो। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार किसान बीमा योजना का सहारा क्यों ले रही है प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार को मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री राहत कोष से राहत पहुंचाने की पहल करनी चाहिए। किसानों को राहत पहुंचाने के लिए यदि सरकार कोई योजना बनाती है तो हमारे विधायक अपनी निधि से किसानों को राहत पहुंचाने की पहल करेंगे।
जयंत चौधरी ने केन्द्र सरकार को आडे़ हाथों लेते हुये कहा कि मोदी सरकार ने किसान को उनकी जमीन छीनने के लिए भूमि अधिग्रहण पुर्नवास एवं पुर्नस्थापना अधिनियम में संशोधन करके बार बार अध्यादेश ला रही है केन्द्र सरकार द्वारा बहाना किया जा रहा है कि विकास के लिए संशोधन जरूरी है बल्कि 2013 के कानून में नहर सड़क और स्कूल के लिए पहले से ही जमीन का प्राविधान था। पी0पी0पी0 माॅडल को जमीन दिलाने के लिए 2013 के अधिनियम में संशोधन करके किसानों की 70 प्रतिषत सहमति की शर्त को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होना चाहिए। विकास की बाते करने वाली केन्द्र सरकार उन बेरोजगारों को नौकरी क्यों नहीं देती जो डिग्रियां लेकर दर दर भटक रहे हैं।
जयंत चौधरी ने पुलिस भर्ती में की गयी धांधली को गैर संवैधानिक बताते हुये कहा कि पुलिस भर्ती मामला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया जिसमें लाखों नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है जिसकी सी0बी0आई0 जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में छात्रों से 2012 तथा 2013 का जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है जो असंवैधानिक है 2015 के जाति प्रमाण पत्र को भी मान्यता देनी चाहिए।
प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, विधान मण्डल दल के नेता ठा0 दलबीर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ0 मसूद अहमद, विधायक भवगती प्रसाद सूर्यवंशी, राष्ट्रीय सचिव शिवकरन सिंह व अनिल दुबे तथा युवा रालोद के पूर्व अध्यक्ष आरिफ महमूद शामिल थे।