टूटीं सस्ते ऋण की आशाएं, ब्याज दरें यथावत
मुंबई। रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके चलते घर, कार और दूसरे ऋण के सस्ते होने की उम्मीद लगाए लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। अभी रेपो दर 7.5 फीसदी, रिवर्स रेपो दर 6.5 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत, बैंक दर 8.5 प्रतिशत तथा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी(एमएसएफ) 8.5 फीसदी पर यथावत है। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अभी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इस वर्ष अब तक रेपो दरों में दो बार की गई कटौती का लाभ बैंकों को उपभोक्ताओं को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दरों में कोई बदलाव करने से पहले आरबीआई पिछले दिनों कुछ राज्यों में हुई बेमौसम बारिश से फसलों के नुकसान के आँकड़े तथा मानसून के अनुमान का इंतजार करेंगे। इस वर्ष अगस्त तक खुदरा महंगाई दर के चार प्रतिशत पर आने की उम्मीद है जबकि इस वर्ष के अंत तक इसके 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है। पिछले साल अगस्त में ऊंची महंगाई दर के कारण बेस अफेक्ट की वजह से अगस्त में महंगाई दर नीची रहेगी। केन्द्रीय बैंक ने पहली बार दो वर्षो के लिए महंगाई का अनुमान जारी किया है।
राजन ने कहा कि इस वर्ष अब तक दो बार में रेपो दर में आधी फीसदी की कमी की जा चुकी है और अब देखना है कि बैंक इसके लाभ को कब तक उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 की अंतिम तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2014- 15 में कृषि पैदावार में आई कमी में अनुमान से पहले वृद्धि दर्ज किये जाने की उम्मीद है। हालांकि मार्च महीने में हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश का विपरीत प्रभाव होगा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार बेमौसम बारिश से 17 प्रतिशत रबी फसलों का पैदावार प्रभावित होगा।