देश के सेक्यूलर ढांचे पर हमला होगा नरसिम्हा राव का स्मारक
रिहाई मंच ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपीयों को बचाने का सीबीआई पर लगाया आरोप
लखनऊ। रिहाई मंच ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद ढहाने के आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंहल समेत बीस लोगों को नोटिस जारी करने का स्वागत करते हुए पूर्व में हुई सीबीआई जांच में आरोपियों को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाया है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने के बाद, यह सवाल एक बार फिर से पैदा होता है कि आखिर किसके इशारे पर सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के इन गुनहगारों को क्लीन चिट दी गई थी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पिछले दिनों सीबीसीआईडी ने हाशिमुपुरा जनसंहार मामले में गलत विवेचना कर दोषियों को बचाया ठीक उसी भूमिका में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई है। ऐसे में देश में न्याय व्यवस्था के समक्ष जांच एजेंसियां ही चुनौती बन गई हैं जों इंसाफ के खिलाफ और नाइंसाफी के पक्ष में सिर्फ विवेचना ही नहीं करती बल्कि सबूतों को मिटाने का भी काम करती हैं।
रिहाई मंच के नेता राजीव यादव ने मोदी सरकार द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक्त देश के प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हा राव का स्मारक बनाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि एक ऐसा व्यक्ति, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस को गिराने के आपराधिक षड़यंत्र में सीधे संलिप्त रहा हो, उसका स्मारक बनाने का सीधा मतलब देश के सेक्यूलर ढांचे पर एक हमला होगा। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि संघ सत्ता में आने के बाद, बाबरी विध्वंस के मामले में राव द्वारा संघ के प्रति दिखाई गई वफादारी को पुरस्कृत करने के लिए मोदी सरकार द्वारा स्मारक बनाया जा रहा है।
रिहाई मंच के नेता अनिल यादव ने कहा है कि प्रदेश में कई चरणों में हो रही बेमौसम बारिश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को राहत के लिए मुआबजा वितरण में आपराधिक हीला हवाली की जा रही है। इस हीलाहवाली के कारण किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि बरेली के भमोरा क्षेत्र के मिवक मझारा गांव के किसान शिशुपाल सिंह ने 15 साल पहले खादी ग्रामोद्योग से 33 हजार रुपया लोन लिया था। इस अवधि में उसने 74 हजार रुपया ब्याज के तौर पर चुकाया, लेकिन मूलधन खत्म नहीं हो सका। मामला प्रमुख सचिव तक पहंुचा लेकिन शिशुपाल को कोई राहत नहीं मिली। इस बीच बारिश होने पर शिशुपाल ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पहले मृत किसान ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया था। अनिल यादव ने किसान की आत्महत्या प्रकरण में मृत किसान के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा की मांग करते हुए, बरेली के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को बर्खास्त करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।