मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से हुडको द्वारा दिये गये ऋण स्वीकृति पत्र को स्वीकार किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है और इसके लिए सारे प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि आवास गरीबों के साथ-साथ हम सबकी सबसे बड़ी आवश्यकता है, ऐसे में इसे दरकिनार नहीं किया जा सकता। चूंकि गरीब जनता द्वारा आवास उपलब्ध कराये जाने की लगातार मांग की जाती है, इसलिए सरकार ने उन्हें घर देने के उद्देश्य से ही लोहिया आवास योजना चलाई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत निर्मित आवासों पर 3.05 लाख रुपए की धनराशि खर्च की जा रही है, जो देश की किसी भी योजना के अन्तर्गत गरीबांे के लिए निर्मित किये जा रहे आवासों पर खर्च की जा रही धनराशि से अधिक है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये। यह कार्यक्रम हुडको द्वारा लोहिया ग्रामीण आवास योजना हेतु स्वीकृत 1500 करोड़ रुपए के ऋण में से 750 करोड़़ रुपए की प्रथम किस्त के लिए ऋण स्वीकृति पत्र भेंट के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। हुडको ने ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत निर्मित किये जा रहे लोहिया आवासों के लिए यह ऋण, विभाग को उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से इस ऋण स्वीकृति पत्र को स्वीकार किया। हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख श्री अरुण कुमार ने यह ऋण स्वीकृति पत्र भेंट किया।

श्री यादव ने कहा कि पूरे देश में गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, परन्तु उनमें निर्मित आवासों की गुणवत्ता ठीक नहीं है और उनकी हालत काफी दयनीय है। उन्होंने कहा कि लोहिया आवास योजना के अन्तर्गत जिन आवासों का निर्माण किया जा रहा है, उनमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आवंटी आराम से रह सकें  और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएँ भी मिलंें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोहिया आवासों का निर्माण क्लस्टर के रूप में किया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के फ्लैगशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत चयनित ग्रामों का सर्वांगीण विकास किया जाना है। इस सम्बन्ध में लोहिया ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत ऐसे सभी वर्गों के ग्रामीण परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराया जा रहा है, जो आवासविहीन हैं व जिनकी वार्षिक आय 36,000 रुपए से कम है। चयनित लोहिया आवासों का शत-प्रतिशत संतृप्तीकरण किया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

यह योजना शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा पोषित है। निर्बल एवं निर्धन ग्रामीण लोगों को अपेक्षाकृत अच्छा आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रति आवास 02 कमरे, किचन एवं बरामदा बनाया जाना प्राविधानित है। योजनान्तर्गत प्रति आवास आच्छादन क्षेत्रफल 30 वर्गमीटर है तथा शासकीय अनुदान प्रति इकाई धनराशि 3.05 लाख रुपए है, जिसमें सोलर सिस्टम, एल0ई0डी0 लाइट, डी0सी0 फैन तथा मोबाइल चार्जर सम्मिलित हैं। 

इस योजना को वर्ष 2012-13 में प्रारम्भ किया गया था। उस वर्ष इसके लिए 783 करोड़ रुपए का बजट प्राविधान किया गया था। अगले वर्ष 2013-14 में 620 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया एवं वर्ष 2014-15 में इसे और बढ़ाते हुये 1500 करोड़ रुपए का बजट प्राविधान किया गया। 

प्रदेश सरकार ने यह निर्णय भी लिया कि इन तीनों वर्षों में चयनित सभी लोहिया समग्र ग्रामों को पूर्ण रूप से लोहिया आवास योजना से संतृप्त किया जायेगा और इसके लिए संसाधनों की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। वर्ष 2014-15 में मूल बजट प्राविधान के अतिरिक्त अनुपूरक बजट से 734 करोड़ रुपए और उपलब्ध कराये गये, जिससे वर्ष 2014-15 का कुल प्राविधान बढ़कर 2234 करोड़ रुपए हो गया।

कार्यक्रम को ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविन्द सिंह गोप ने भी सम्बोधित किया। हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख अरुण कुमार ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की प्रमुख योजनाओं में अपने सहयोग के सन्दर्भ में प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल ने किया।

इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव ग्राम विकास के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।