अनाज निर्यात के लिए किसानों को पूरी मदद जाएगी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने राज्य मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 149वीं बैठक की अध्यक्षता की
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कृषि उपजों के निर्यात के लिए किसानों को पूरी मदद उपलब्ध कराई जाए तथा निर्यात के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले किसानों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया जाए, जिससे और अधिक किसानों को निर्यात के लिए प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि जैव कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य की आर्गेनिक सर्टिफिकेशन संस्था को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में 25,762 कुन्तल आलू लगभग 1,707 कुन्तल आम तथा पहली बार 528 कुन्तल सब्जी का निर्यात किया गया है। उन्होंने इस मात्रा को बढ़ाने के लिए किसानों को और अधिक जागरूक बनाने एवं उन्हें समय पर सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में राज्य मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 149वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मण्डी परिषद द्वारा जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 430 करोड़ रुपए के प्राविधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। किसान बाजार योजना के अंतर्गत कासगंज एवं कन्नौज में भी किसान बाजार स्थापित करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि झांसी, लखनऊ, इटावा एवं अन्य स्थानों पर बनाए जा रहे किसान बाजार का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का प्राविधान करने का निर्णय भी लिया गया है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 1300 करोड़ रुपए आय के अनुमान के सापेक्ष मण्डी स्थल के कार्यों हेतु 357 करोड़, सम्पर्क मार्ग मरम्मत तथा भूमि क्रय/प्रतिकर हेतु क्रमशः 100-100 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है।
मण्डी परिषद द्वारा कराए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की गुणवत्ता परखने के लिए थर्ड पार्टी जांच कराए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निर्मित कराए जा रहे विशिष्ट मण्डी यार्ड तथा ग्रामीण अवस्थापना केन्द्रों के साथ-साथ एग्रीकल्चरल मार्केटिंग हब के शत-प्रतिशत कार्यों का सत्यापन थर्ड पार्टी जांच द्वारा कराया जाए। इसके अलावा आवश्यकतानुसार नवीन मण्डी एवं उपमण्डलीय स्थलों, किसान बाजारों एवं जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के विकास कार्यों की भी थर्ड पार्टी जांच करायी जाए।
मण्डी प्रतिष्ठानों में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद के फल एवं सब्जी मण्डी स्थल को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने के लिए हाईब्रिड सोलर फोटोवोल्टेक प्रोजेक्ट की स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि यह कार्य पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर किया जाना चाहिए। इसी प्रकार नवीन मण्डी स्थल भौती चकरपुर (कानपुर) में एलईडी लाइट की स्थापना के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अन्य मण्डी स्थलों में भी आवश्यकतानुसार एलईडी लाइट की व्यवस्था के लिए प्रतिष्ठित निर्माता कम्पनियों से निविदा आमंत्रित कर सम्पादित कराया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मण्डी परिषद द्वारा किसानों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मण्डियों में शौचालयों की बेहतर व्यवस्था के लिए प्रख्यात संस्थाओं की मदद ली जाए। किसानों को आर्गेनिक खेती के सर्टिफिकेशन के लिए व्यवस्था सुलभ की जाए तथा प्रपत्र 6, 9 एवं 7 का डिजिटलाइजेशन किया जाए। उन्होंने मण्डी समितियों में ई-आॅक्शन तथा ई-ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए मण्डी समिति, सुलतानपुर में पायलेट परियोजना के तौर पर कार्य शुरु करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए उप विधि में आवश्यक संशोधन भी किए जाएं। अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्तायुक्त सब्जियों एवं अन्य फलों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मैंगो पैक हाउस रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा पैकिंग के लिए स्थान उपलब्ध कराने हेतु 0.25 पैसे प्रति किलो की दर से चार्ज करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने इसी प्रकार मैंगो पैक हाउस, सहारनपुर को भी प्रभावी एवं लाभकारी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिससे क्षेत्रीय किसानों को फल एवं सब्जियों के निर्यात में मदद मिल सके।
मण्डी आवक किसान उपहार योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु छमाही बम्पर ड्राॅ के माध्यम से 35 हाॅर्स पावर का टैªक्टर देने का प्राविधान है। इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए छमाही बम्पर ड्राॅ में सोलर पावर पैक दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार 16 सम्भागों के 10-10 किसानों को छमाही बम्पर ड्राॅ में चतुर्थ पुरस्कार के रूप में सोलर पावर पैक प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज एवं उत्पाद मण्डियों एवं बाजार तक लाने के लिए सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने दुग्ध उत्पादकों के लिए जनपद गाजीपुर से वाराणसी के लिए वर्तमान में संचालित निःशुल्क दुग्ध परिवहन योजना के तहत बसों की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकार के कुछ और रूट को चिन्हित कर विशेष बसों का संचालन किया जाए। ज्ञातव्य है कि इस योजना के तहत लगभग 7,000 दुग्ध उत्पादक अब तक लाभान्वित हो चुके हैं, जिनके माध्यम से कुल 3,80,533 कुन्तल दूध का परिवहन किया जा चुका है।
संचालक मण्डल की बैठक में खलिहान, अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना एवं समूह जनता व्यक्तिगत दुर्घटना सहायता योजना की अवधि को 30 जून, 2020 तक विस्तारित करने, किसान बाजार की दुकानों के आवंटन एवं संचालन के लिए विनियमावली-2014 को लागू करने तथा टर्न की बेस वाली 30 मण्डियों में पशुपालन, कृषि विपणन एवं कृषि से सम्बन्धित योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए 2-2 होर्डिंग्स लगवाने तथा मण्डी परिषद के अवकाश प्राप्त कर्मियों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में भी निर्णय लिए गए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त वी0ए0 गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता शैलेष कृष्ण, प्रमुख सचिव खाद्य बी0एम0 मीना, प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव वित्त राहुल भटनागर, सचिव मुख्यमंत्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, निदेशक मण्डी डाॅ0 अनूप यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।