कश्मीर में फिर बाढ़ की त्रासदी
ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है झेलम नदी
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। कई जगहों पर झेलम नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है। लगातार हो रही बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। बिगड़ते हालात को देखते हुए झेलम के आस-पास रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द घर खाली करने को कहा गया है। पानी की धारा दूसरी ओर मोड़ने के लिए झेलम नदी पर बने बांध को खोला जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह तक एनडीआरएफ के 200 जवान श्रीनगर पहुंच जाएंगे, जिससे बिगड़ रहे हालात में लोगों की मदद की जा सके। राज्य की पुलिस भी लोगों को बाहर निकालने में जुटी है।
भारी बारिश की वजह से घाटी के कई इलाकों में पानी भर गया है, जिससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इसके साथ ही कई जगहों में जमीन धसने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार से हो रही भारी बारिश से चरार-ए-शरीफ इलाके में जबर्दस्त भूस्खलन हुआ, जिससे 18 मकान सहित 44 संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं यातायात विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बारिश की वजह से कई स्थानों पर भूस्खलन होने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया। शनिवार को इस सड़क को मरम्मत के लिए बंद किया गया था, लेकिन फिर से बारिश होने से इसे दूसरे दिन भी रखा गया।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री (मुफ्ती मोहम्मद सईद) घाटी में लगातार बारिश से पैदा हुए हालात पर खुद नजर रखने के लिए श्रीनगर पहुंचे हैं।’ तीन मंत्री अल्ताफ बुखारी, इमरान रजा अंसारी और आशिया नकाश शहर में घूम-घूमकर लोगों को दशहत में नहीं आने को कह रहे हैं और हर संभव मदद का भरोसा दे रहे हैं। घाटी के जलजमाव वाले हिस्सों में लोगों की मदद के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक अलग समर्पित डेस्क बनाया गया है।
वहीं उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने जम्मू में विधानसभा में बताया कि प्रशासन घाटी में भारी बारिश के मद्देनजर पूरी तरह चौकस है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। सिंह ने कहा, ‘लोगों को दहशत में आने की जरूरत नहीं है और सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।’
पुलिस के अनुसार बडगाम जिले के चोंटिनार गांव में शनिवार को भूस्खलन से आठ मकान और 10 गौशालाएं नष्ट हो गईं। कम से कम 26 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।