ऑस्ट्रेलिया ने लगाया खिताबी जीत का पंजा
न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराकर बना विश्व विजेता
मेलबर्न : बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की त्रिमूर्ति की कहर बरपाती गेंदबाजी और अपना आखिरी वनडे खेल रहे कप्तान माइकल क्लार्क के दर्शनीय अर्धशतक से ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 101 गेंद शेष रहते हुए तीन विकेट से करारी शिकस्त देकर पांचवीं बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत लिया।
जीत के लिए 184 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कप्तान क्लार्क की बेहतरीन 74 रन और स्मिथ की नाबाद 56 रन की पारियों की बदौलत 33.1 ओवर में 186 रन बनाकर न्यूजीलैंड को सात विकेट से हरा दिया।
मिशेल जॉनसन, जेम्स फॉकनर और मिशेल स्टॉर्क ने न्यूजीलैंड की पारी की कमर तोड़कर उसकी पूरी टीम को 45 ओवरों में 183 रन पर ढेर कर दिया। विश्वकप 1983 में भारत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ फाइनल में इसी स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था, लेकिन न्यूजीलैंड इतिहास नहीं दोहरा पाया।
ऑस्ट्रेलिया 33.1 ओवर में तीन विकेट पर 186 रन बनाकर अपनी सरजमीं पर चैंपियन बनने वाला दूसरा देश बना। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1987, 1999, 2003 और 2007 में विश्वकप जीता था। क्लार्क ने इस तरह से एक चैंपियन के रूप में वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह फाइनल के बाद क्रिकेट के इस प्रारूप से संन्यास ले लेंगे।
ऑस्ट्रेलिया को चमचमाती ट्रॉफी के अलावा 39 लाख 75 हजार डॉलर का चेक मिला, जबकि न्यूजीलैंड को 17 लाख 50 हजार डॉलर से ही संतोष करना पड़ा।
इससे पहले, फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टॉस जीतकर न्यूजीलैंड का पहले बल्लेबाजी चुनने का फैसला गलत साबित हुआ, क्योंकि उसके बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के आगे कुछ खास नहीं कर सके और 45 ओवरों में सिर्फ 183 रन बनाकर धराशायी हो गए।
आपना सातवां विश्वकप फाइनल खेल रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को शानदार शुरुआत दिलाते हुए टूर्नामेंट में उसके अब तक के सफलतम तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने पांचवीं गेंद पर ही पहली सफलता दिला दी। अब तक टूर्नामेंट में बेहद आक्रामक खेलते आ रहे और इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए मुख्य खतरा माने जा रहे न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैकुलम खाता खोले बगैर क्लीन बोल्ड हो गए।
मैकुलम के जाने के बाद न्यूजीलैंड पर दबाव साफ दिखने लगा और उसकी रन गति काफी धीमी हो गई। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने गेंदबाजी में परिवर्तन करते हुए तेज गेंदबाजों को आराम देकर स्पिन गेंदबाज ग्लेन मैक्सवेल को 12वें ओवर में आक्रमण पर बुलाया और मैक्सवेल ने अपनी दूसरी ही गेंद पर इसी विश्वकप में दोहरा शतक लगाकर विश्वकप की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले मार्टिन गुप्टिल (15) को 33 के कुल योग पर क्लीन बोल्ड कर दिया।
गुप्टिल ने 34 गेंदों का सामना किया था और एक चौका और एक छक्का लगाया था। गुप्टिल के जाने के बाद ही 33 गेंदों पर एकमात्र चौका लगाकर परेशानी में दिख रहे केन विलियमसन (12) भी मिशेल जॉनसन की गेंद पर जॉनसन को ही आसान कैच थमा बैठे। ने तीसरा विकेट भी जल्दी ही गंवा दिया, जब 39 रन के कुल योग पर केन विलियम्सन 12 रन बनाकर जॉनसन की गेंद पर उनके ही हाथों लपक लिए गए।
39 के कुल योग पर विलियमसन के जाने के बाद हालांकि रॉस टेलर (40) और ग्रांट इलियट (83) ने चौथे विकेट के लिए संयम के साथ खेलते हुए 111 रनों की साझेदारी निभाई। ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को इससे समझा जा सकता है कि इस विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी टीम की यह दूसरी शतकीय साझेदारी रही।
इस साझेदारी की बदौलत संभलती दिख रही न्यूजीलैंड की पारी को हालांकि जेम्स फॉकनर ने 36वें ओवर में दो विकेट चटकाकर पलट दी। फॉकनर ने 36वें ओवर की पहली गेंद पर पहले रॉस टेलर को विकेट के पीछे ब्रैड हैडिन के हाथों लपकवाकर यह शतकीय साझेदारी तोड़ी और उसके बाद तीसरी ही गेंद पर कोरी एंडरसन को खाता खोले बगैर क्लीन बोल्ड कर पैवेलियन की राह दिखा दी और न्यूजीलैंड को पांचवां बड़ा झटका दे डाला।
टेलर 72 गेंदों की अपनी पारी में दो चौके लगा सके। स्टार्क ने अगले ही ओवर में ल्यूक रॉन्ची को भी शून्य के निजी योग पर क्लार्क के हाथों कैच करवा दिया और न्यूजीलैंड की आखिरी बल्लेबाजी विशेषज्ञ जोड़ी को भी तोड़ दिया। इस बीच इलियट एक छोर थामकर खड़े रहे और लगभग हर ओवर में एक बाउंड्री के साथ ठीक-ठाक स्कोर करते रहे, लेकिन दूसरे छोर से विकेटों के गिरने का सिलसिला आगे भी जारी रहा। 35 ओवर में तीन विकेट पर 150 रन बनाकर ठीक-ठाक नजर आ रही न्यूजीलैंड टीम ने आखिरी के 10 ओवरों में 33 रन बनाने में अपने शेष सात विकेट गंवा दिए।
82 गेंदों में सात चौके और एक छक्का लगाकर 83 रनों की बेहतरीन पारी खेलने वाले इलियट, फॉकनर द्वारा 42वें ओवर की पांचवीं गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए और 171 के कुल योग पर उनकी जुझारू पारी का अंत हो गया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जॉनसन और फॉकनर ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि स्टार्क को दो और मैक्सवेल को एक विकेट मिला।