किसानों की आत्महत्या पर मुख्यमंत्री गंभीर
जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश, ऐसे मामलों शासन को तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराएं
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसी भी किसान द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिलने पर वे तत्काल मौके पर जाकर आत्महत्या के वास्तविक कारणों की जानकारी हासिल करें। उन्होंने जिलाधिकारियों सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों से यह अपेक्षा भी की है कि वे ऐसे मामलों में तथ्यों का पता लगाकर अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं ताकि प्रभावित परिवार के साथ इंसाफ किया जा सके।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के फलस्वरूप किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति बेहद संवेदनशील है और उनकी मदद के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने फसलों के नुकसान को गम्भीरता से लेते हुए किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 200 करोड़ रुपए जारी करने के निर्देश पूर्व में ही दे दिए थे। उन्होंने बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि के कारण किसान की असमायिक मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को 5 लाख रुपए की धनराशि तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए थे। इसके अलावा श्री यादव ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी 2 लाख रुपए की वित्तीय मदद प्रभावित परिवार को उपलब्ध कराने की घोषणा विधान सभा में की थी। साथ ही, मुख्य राजस्व देयों की वसूली को फौरन रोकने और वसूली में किसी भी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक भी लगा दी है।
मुख्यमंत्री ने इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित 25 जिलों में सहायता राशि बांटने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को नामित किए जाने के निर्देश भी दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रभावित किसानों को अपने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद हर सम्भव मदद दे रही है। बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से राज्य के किसानों को हुई भारी क्षति से राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से 744 करोड़ रुपए का राहत पैकेज स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।