राम नरेश यादव के बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
व्यापम घोटाले की चार्जशीट में था नाम
लखनऊ: एमपी के राज्यपाल राम नरेश यादव के बेटे शैलेश की आज लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी। गौतमपल्ली थाना प्रभारी वीरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि हमें मध्य प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के बेटे शैलेश की मौत की सूचना मिली थी। वह माल एवेन्यू स्थित आवास पर मृत पाये गये। उन्होंने बताया कि शैलेश की मौत के कारणों का तत्काल पता नहीं लग पाया है। जांच के बाद ही इस बारे में पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
राज्य के व्यापम घोटाले की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शैलेश का भी नाम था और वह इस घोटाले के आरोपियों में शामिल था। शैलेश पर लोगों से पैसा लेकर परीक्षा में पास करवाने का आरोप था। शैलेश का नाम मध्य प्रदेश के ‘व्यापम घोटाले’ में आया था। उन पर तृतीय ग्रेड के अनुबंधित शिक्षकों की भर्ती के लिये जरूरी परीक्षा पास कराने के लिये 10 अभ्यर्थियों से धन लेने का आरोप था। एसटीएफ ने शैलेश को नोटिस भी भेजा था। शैलैश का अंतिम संस्कार लखनऊ में किया जाएगा। इस बीच बेटे की मौत के बाद सदमे की वजह से राज्यपाल रामनरेश यादव की तबियत बिगड़ गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शैलेश का शव लखनऊ में उनके कमरे के फर्श पर मिला। गौर हो कि व्यापम घोटाले में रामनरेश यादव का भी नाम आया था। इसे लेकर उनके इस्तीफे की चर्चा भी थी, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। इस सिलसिले में रामनरेश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने दिल्ली भी पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया।
मध्यप्रदेश में इन दिनों भाजपा सरकार को भर्ती घोटाला परेशान किए हुए है। इस घोटाले की आंच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह तक पहुंच चुकी है। इसे मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। इस घोटाले की जांच हाइकोर्ट के निर्देश पर एसटीएफ कर रही है। इस घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इसमें साठगांठ कर मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले में फर्जीवाड़ा कर भर्तियां की गई।
इस घोटाले के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार कर रेवड़ियों की तरह नौकरियां बांटी गईं। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं और केंद्रीय मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता उमा भारती का नाम भी इस घोटाले में सामने आ रहा है। इस पूरे घोटाले में 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। खबरों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में 514 मामले शक के घेरे में हैं। 1000 फर्जी भर्ती की बात तो खुद शिवराजसिंह चौहान विधानसभा में स्वीकार कर चुके हैं। इसके अलावा 2008 से 2010 के बीच सरकारी नौकरियों से जुड़ी 10 परीक्षाओं में धांधली के आरोप हैं।