ए के जैन को अभियुक्त बनाकर डीजीपी पद से हटाने की मांग
लखनऊ: उ0प्र0 कंाग्रेस विधान मंडल दल के प्रवक्ता ज़ीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रीता बहुगुणा जोशी के घर हुई आगजनी के मामले में सीबीसीआइडी की जांच में तत्कालीन डीआइजी/एसएसपी प्रेम प्रकाश, तत्कालीन एएसपी पूर्वी हरीश कुमार (अब आइपीएस) व तत्कालीन सीओ हजरतगंज भगवान सिंह गरब्याल (अब सेवानिवृत्त) व तत्कालीन इंस्पेक्टर हुसैनगंज बलिराम सरोज (अब डिप्टी एसपी) सहित 18 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। जांच में सामने आया है कि इनके द्वारा आगजनी करने वालों की मदद की गई थी। लेकिन सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन आई जी ए के जैन की भूमिका को इस मामले में नज़रअंदाज़ कर दिया। सीबी-सीआईडी के अनुसार तत्कालीन आई जी उस दिन रात 12.30 बजे किरायेदारी के मामले में ठाकुरगंज गए थे और उनको इस घटना की जानकारी नहीं थी जो समझ से परे है. इतनी बड़ी घटना तत्कालीन आई जी की जानकारी के बिना हो जाना अपने आप में सवाल खड़े कर रही है.चूँकि ए के जैन इस वक़्त उत्तर प्रदेश के डी जी पी है इसलिए सरकार उन्हें बचा रही है।
अतः अधीनस्थ पुलिस अफसरों पर कार्यवाही और ए के जैन को बचाने को गलत मानते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस विधान मंडल दल के प्रवक्ता ज़ीशान हैदर ने ए के जैन को अभियुक्त बनाते हुए तत्काल डीजीपी पद से हटाने की मांग की है.