हमारे धैर्य की परीक्षा ने ले सरकार: मिश्रा
प्रदेश के 24 हजार डिप्लोमा इंजीनियर्स 26 जेल भरने को तैयार
लखनऊ। प्रदेश का डिप्लोमा इंजीनियर्स दो मांगों के प्रतिपूर्ति न होने से नाराज है। पहले चैबीस घन्टे का कार्य बहिष्कार और उसके बाद विधानभवन का धेराव एवं प्रदेशव्यापी रैली के बावजूद सरकार प्रदेश के डिप्लोमा इंजीनियर्स की दो सूत्रीय मांगों का निस्तारण नही कर पाई है। इससे प्रदेश भर का 24 हजार डिप्लोमा इंजीनियर्स आहत है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एस.पी. मिश्रा ने कहा कि अब बर्दाश्त की सीमा समाप्त हो चुकी है। इं.एस.पी.मिश्रा अध्यक्ष उ.प्र.डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए उत्तर प्रदेष सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री से अपेक्षा की है कि 26 मार्च 2015 से प्रारम्भ होने वाली अनिष्चित कालीन हड़ताल/जेल भरो आन्दोलन से पूर्व एक उच्च स्तरीय बैठक आहूत कर डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता कर न्यायोचित माँगों का समाधान कराने का कष्ट करेंगे ताकि हड़ताल जैसे अप्रिय निर्णय की स्थिति उत्पन्न न हो।
आज उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की उच्चाधिकार सभा में 26 मार्च 2015 से अनवरत रूप से जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ करने का निर्णय लेते हुए इस आन्दोलन को तेज करते हुए प्रदेष के डिप्लोमा इंजीनियर्स विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष अपनी गिरतारी देंगे। उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु समय-समय पर कई संघर्ष कार्यक्रम किये जिसमें मुख्य रूप से 72 घण्टों का धरना कार्यक्रम, दिनांक 28 व 29 जनवरी 2015 को समस्त विभागों के डिप्लोमा इंजीनियर्स का सामूहिक अवकाष कार्यक्रम एवं 27 फरवरी 2015 को लखनऊ मुख्यालय पर विषाल रैली कर विधान सभा का घेराव कर अपनी माँगों के पूर्ति हेतु उ.प्र. सरकार व शासन का ध्यानाकर्षण किया। परन्तु खेद है कि अभी तक शासन स्तर से माँगों के प्रति कोई रूची ली गई, इससे क्षुब्ध होकर प्रदेष के लगभग 24000 डिप्लोमा इंजीनियर्स ने 26 मार्च 2015 से अनिष्चित कालीन हड़ताल एवं जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। इससे निष्चित रूप से प्रदेष का विकास बाधित होगा जिसके लिए उ.प्र. सरकार ही पूर्ण रूप से उत्तरदायी है।
उ0प्र0 डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महसचिव इं. एस.के.पाण्डेय ने प्रमुख माँगें बताते हुए कहा कि पहली मांग डिप्लोमा इंजीनियर्स का प्रारम्भिक ग्रेड पे रू0 4800 दिया जाना और दूसरी मांग मंे समयबद्ध पदोन्नति शामिल है।
उक्त सभी माँगों पर मुख्य सचिव उप्र शासन की अध्यक्षता में 12 फरवरी 2015 को हुई बैठक में सैद्धान्तिक सहमति बनने के उपरान्त शासन द्वारा जारी कार्यवृत्त में वृहद भिन्नता पायी गई जिससे प्रदेष के समस्त विभागों के डिप्लोमा इंजीनियर्स में क्षोभ ब्याप्त हुआ तथा सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप दिनांक 27 फरवरी 2015 की विषाल रैली में 26 मार्च 2015 से जेल भरो आन्दोलन का कार्यक्रम प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
महांसघ की उच्चाधिकार सभा में उ.प्र. राज्य विद्युत परिषद के अध्यक्ष इं.एस.एम. सिंह ने बताया कि उ.प.डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ द्वारा किये जाने वाले जेल भरो आन्दोलन में राज्य विद्युत परिषद के डिप्लोमा इंजीनियर्स पूर्ण रूप से सहभागिता करेंगे तथा दिनांक 31 मार्च 2015 से सामान्य पाली एवं दिनांक 02 अप्रैल 2015 से षिट पाली के डिप्लोमा इंजीनियर्स जेल भरो आन्दोलन में भागीदारी करेंगे तथा पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहेंगे। यहाँ यह भी स्पश्ट करना समीचीन प्रतीत होता है कि उक्त जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होने के उपरान्त प्रदेष के विकास का पहिया तथा प्रदेष सरकार की उत्तर प्रदेष को उत्तम प्रदेष के रूप में प्रस्तुत करने का सपना अधूरा ही रह जायेगा।