लोकश दिक्षित पहले भारत का संसदीय इतिहास जानें: चौहान
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने बसपा विधायक लोकश दिक्षित के बयान पर पलटवार करते हुये कहा कि किसान मसीहा चौ चरण सिंह पर किसानों के साथ छलावा करने का आरोप लगाने से पहले बसपा विधायक लोकेश दीक्षित को भारत का संसदीय इतिहास जान लेना चाहिए। जब चौ 0 साहब ने जमींदारी उन्मूलन करके किसानों को जमीन का मालिक बनाया था और चकबन्दी ऐक्ट लागू करके किसानों की जमीन इकटठा करके खेती में सहुलियत देने का काम किया था उस समय राजनीति में स्वयं उनका और उनके दल का उदय भी नहीं हुआ था।
चौहान ने बसपा सदस्य को कटठरे में खड़ा करते हुये कहा कि दीक्षित को अभी इतिहास की जानकारियों का अभाव है। देश में चौ 0 चरण सिंह ही एकमात्र ऐसा महापुरूष हुये हैं जोकि किसान हित से जुड़े मुददों पर बेबाक राय रखते थे तथा उसे निर्भीकता से व्यक्त करते थे। उन्होंने कहा कि चौ 0 चरण सिंह ने साहूकारों और पटवारियों के शिकंजे से किसानों को मुक्ति दिलाने के लिए लेखपाल भर्ती की क्योंकि उस समय पटवारी किसानों का शोषण करते थे। कृषि व राजस्व मंत्री रहते हुये चौधरी साहब ने चकबंदी अधिनियम पारित कराया जिससे कृषि उपजों में खासी वृद्वि हुयी। पं0 नेहरू ने भारत में रूस की भंाति सहकारी खेती का प्रस्ताव रखा था परन्तु सहकारी खेती खत्म करके किसानों को जमीन का मालिकाना हक दिलाया।
चौहान ने आगे कहा कि चौधरी चरण सिंह ने किसानों को जोत बही दिलवाई, जिससे उनके भूमि सम्बंधी रिकार्डो में गड़बडी़ न हो सके। नहर की पटरियों पर ग्रामीणों के चलने पर लगे ब्रिटिश कालीन कानून को समाप्त कराया। उन्होंने कहा कि चौ साहब ने कृषि उर्वरकों से बिक्री कर समाप्त किया तथा सीलिंग से प्राप्त जमीन भूमिहीन हरिजनों तथा पिछडे़ वर्गों में आवंटित कराने की पहल की।