प्रशांत भूषण ने की सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश
नई दिल्ली : अंदरुनी कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी के लिए अब एक नई मुश्किल सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। सूत्रों के अनुसार, प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में प्रशांत भूषण ने कहा है कि पार्टी को मिले डोनेशन और खर्च की प्रकिया को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर फैसले लेने की प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं की भूमिका होनी चाहिए। इसके अलावा, उम्मीदवारों के चयन में भी पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
मीडिया में आई एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रशांत भूषण ने मंगलवार को पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी में सुधार के लिए मांगें मानने की शर्त के साथ पीएसी सहित पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश की है।
गौर हो कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की मांग उठाते हुए प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने केजरीवाल से संयोजक पद छोड़ने की मांग की थी। इस वजह से पार्टी समर्थन और विरोध के रूप में धड़ों में बंट गई और दोनों धड़े ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू कर दिया। बाद में दोनों नेताओं को पीएसी से बाहर कर दिया गया। केजरीवाल के बेंगलुरु से इलाज कराकर दिल्ली लौटने के बाद दोनों धड़ों में सुलह की कोशिशें शुरू हुई और आप के कुछ बड़े नेताओं ने योंगेद्र यादव से बातचीत भी की। इन नेताओं को आज प्रशांत भूषण से मिलना था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मिलने से इनकार कर दिया कि वे केजरीवाल से नीचे के नेताओं से बातचीत नहीं करेंगे। अब भूषण के इस्तीफे की पेशकश से सुलह की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है।
इससे पहले, अंदरुनी कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सुलह समझौते की प्रक्रिया के लिए हाथ बढ़ाने के साथ ही अन्य राज्यों में पार्टी के आधार को विस्तार प्रदान पर सहमति जताते हुए मतभेद समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने का फैसला किया था। पार्टी की शीर्ष नीति नियंता ईकाई राजनीतिक मामलों की समिति की आप नेता अरविंद केजरीवाल के कौशांबी स्थित आवास पर हुई बैठक में नीतिगत निर्णय की प्रक्रिया में स्वयंसेवकों की भागीदारी को बढ़ाने का भी फैसला किया गया। आप सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने विरोधी धड़ों के बीच तीखी टकराहट के चलते पार्टी की छवि प्रभावित होने पर चिंता जाहिर की जो पिछले दो सप्ताह में खुलकर सामने आ चुकी है ।
वरिष्ठ पार्टी नेता संजय सिंह ने बताया कि पीएसी ने अन्य राज्यों में भी पार्टी को विस्तार देने का फैसला किया। इस मुद्दे को लेकर यादव को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था जिन्होंने कुछ अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार किए जाने का समर्थन किया था।