पीडब्लूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मिकों का आन्दोलन 8 अप्रैल से
लखनऊ। पीडब्लूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ की बैठक प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह यादव की अध्यक्षता में विभाग के अनवेषणालय प्रेक्षागृह में सम्पन्न हुई। इस बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री यदुवीर सिंह ने किया। बैठक पांच सूत्रीय मांगों के लम्बे समय से निस्तारण न होने पर रोष जाहिर करते हुए आन्दोलन का निर्णय लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आठ अप्रैल को जनपद स्तर पर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेेषित किया जाएगा। जबकि पाॅच मई को मण्डलायुक्त कार्यालय में मण्डल भर के सदस्य एकत्रित होकर धरना देंगे तथा मण्डलायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेंगें। इन दोनों कार्यक्रम के दौरान एक एक ज्ञापन की प्रति प्रान्तीय कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। पाॅच मई के आन्दोलन के बाद भी अगर सरकार ने मांगों पर विचार नही किया तो प्रदेश नेतृत्व छह मई को बैठक कर प्रान्तीय स्तर आन्दोलन का निर्णय लेगा।
बैठक को सम्बोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष भारत सिंह यादव,महामंत्री यदुवीर सिंह ने कहा कि लगातार पत्राचार के बाद भी अधिकारियों की मनमानी तथा मुख्यमंत्री को गुमराह किये जाने के कारण उनकी मांगे लम्बित रखी जा रही है। संघ के सदस्य सरकार की उपेक्षा से नाराज है,वे आक्रोषित है अतः आन्दोलन का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में विशेष तौर से आमंत्रित लोक निर्माण विभाग वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिलोक सिंह ने कहा कि जायज मांगों को लेकर पीडल्बूडी वर्कचार्ज कर्मचारियों के आन्दोलन में उनकी तथा उनके संघ की बराबर की भागीदारी होगा। जबकि महामंत्री रामराज दुबे ने कहा कि प्रदेश सरकार को चंद अधिकारी गुमराह कर रहे है यही कारण है शासकीय सेवा का सबसे छोटा तबका अपनी जायज मांगों की प्रतिपूर्ति के लिए आन्दोलन के लिए बाध्य हो रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि अगर उनकी मांग पत्रों को विशेष नजर से अवलोकन कर लिया जाए तो इस संवर्ग की मांगे जायज है। बैठक में बताया गया कि पीडब्लूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी दैनिक वेतन एवं वर्कचार्ज कर्मिको को पुरानी सेवाओं को जोड़कर पेंशन, ग्रेच्यूटी, वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। वर्ष 91 के बाद के मृतक आश्रित, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कर्मिकोें को भारी संख्या में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए। यही नही वर्ष 1991 से लेकर अब तक विभाग में लगभग 25-30 हजार कर्मचारी सेवा निवृत्त हो गए है। जबकि इस दौरान प्रदेश में सड़क हजारो किमी ज्यादा विस्तार ले चुकी है कई भवन बढ़ गए है ऐसे में काम ज्यादा कर्मचारी कम होने के कारण भी इस संवर्ग के कर्मचारियों को दोहरा और तिरहा काम देखना पड़ रहा हैं ऐसे में रिक्त पदों पर सीधे भती्र शुरू कराई जाए। विभाग में आउटसोर्सिग और संविदा भर्ती पर पूर्णतः रोक लगाई जाए। स्टोरकीपर का पद वर्क सुपरवाईचर स्टोरकीपर का समकक्षीय पद है अतः इस पद पर डिप्लोमाधारियों की तैनाती की जगह वर्क सुपरवाईजर की तैनाती की जाए।