अखिलेश जी कुर्तको से नहीं जमीनी काम से होगा ‘मेक इन यूपी’ : डा0 चन्द्रमोहन
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नकल करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यदि उत्तर प्रदेश को सचमुंच निर्माण उद्योग का हब बनाना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले प्रदेश में व्याप्त गुंडाराज को खत्म करना पड़ेगा। ‘मेक इन इंडिया’ के तर्ज पर ‘मेक इन यूपी’ का राग सुनने में तो अच्छा लगता है पर इसे हकीकत में बदलने के लिए अभी अखिलेश शासन को जमीन पर योजनाओं को लाना होगा।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अभी तक लगभग तीन साल के शासन में एक दिन भी ऐसा नहीं बीता जब लोग सपा की गंुडई और अपराधियों की आजादी से कांप न उठते हों। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र माोदी ने जब लाल किले के प्राचीर से कम ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया तो उन्होंने इसमें उत्तर प्रदेश को भी शामिल माना, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अलग से ‘मेक इन यूपी’ का नारा देकर एक तरह से प्रधानमंत्री के साथ प्रतिस्पर्धा करने की ठान ली।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश को एक औद्योगिक व व्यापारिक दृष्टिकोण से महाराष्ट्र व गुजरात की तरह समृद्ध राज्य बनाना चाहती है। प्रधानमंत्री ने स्वयं अपनी ओर से वाराणसी समेत कई जिलों में औद्योगिक प्र्राण फूंकने की पहल की है। चाहे वह बुनकरों का मामला हो या किसानों का। लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयास की सराहना करने और उसमें अपना योगदान करने के बजाय मुख्यमत्री विकास के मामले में भी ओछी राजनीति कर रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि हकीकत है कि प्रदेश की औद्योगिक इकाईयां दम तोड़ रही हैं। किसी जमाने में उद्योग और व्यापार के लिए प्रसिद्ध गाजियाबाद आगरा, कानपुर, और नोएडा आदि शहरों की हालत इतनी बुरी है कि यहां से उद्योगपति पलायन कर रहे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक शहर में कानून व्यवस्था इतनी बुरी है कि कंपनियों के बड़े पदाधिकारी अपनी फैक्ट्री में ही मार दिए जा रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश मंे घोषणांए तो बहुत हो रही है, पर उनका क्रियान्वयन इतना लचर है कि खुद सपा मुखिया सरे आम यह कहने के लिए विवश होते हैं कि योजनाओं का शिलान्यास तो हो जा रहा है पर इनको पूरा कर उनका उद्घाटन नहीं होता। मुख्यमंत्री ने उत्त प्रदेश के बजट मे उद्योग धंधों को बढावा देने या ढांचागत सुविधा प्रदान करने के लिए किसी बड़ी योजना की घोषणा नहीं की, बल्कि अपने बजट भाषण में खुद यह माना कि शहरों में 20 घंटे और गांवों में 16 घंटे बिजली देने में वह विफल रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भाजपा यह मांग करती है कि यदि वाकई मुख्यमंत्री प्रदेश का औद्योगिकीकरण चाहते हैं तो पहले ढांचागत विकास और कानून व्यवस्था के मामले को दुरूस्त करें। पहले मुख्यमंत्री उन आकड़ों को दुरूस्त करें जो औद्योगिकीकरण के लिए बहुत ही जरूरी हैं। जैसे आज भी बिजली उत्पादन के मामले में उत्तरप्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से बहुत पीछे रहकर पांचवे नंबर पर है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। अभी तक गांवों और कस्बों के ठीक से जिला मुख्यालयों तक जोड़ा नहीं गया। तीन साल के शासन काल में अखिलेश यादव ने किसी भी बड़े औद्योगिक इकाई को चालू नहीं करवाया। तमाम दावों और निवेश कांफ्रेंस के बावजूद निजी निवेश का कोई उल्लेखनीय योगदान उत्तर प्रदेश में नहीं आया। इसके बावजूद यदि अखिलेश यादव जबानी खर्च कर राज्य में ‘मेक इन इंडिया’ का नारा देना चाहते हैं तो भाजपा उन्हे अपनी जवाबदेही से बचने नहीं देगी।